ग्राम समाचार, भागलपुर। भागलपुर सहित पूरे राज्य में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण, व्यापक जांच व इलाज का घोर अभाव, अस्पतालों की भारी कुव्यवस्था की वजह से हो रही लोगों की बेमौत मौतों के खिलाफ, नाकारा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय की बर्खास्तगी आदि सवालों के साथ राज्यव्यापी प्रतिवाद के आह्वान पर भाकपा-माले ने आज भागलपुर जिला के विभिन्न प्रखंडों सहित शहर के आदमपुर, सुरखीकल, इशाकचक, मारूफचक, भीखनपुर, शाहजंगी, सहेबगंज, मोहनपुर, नसरतखानी, नाथनगर आदि कई मोहल्लों में पोस्टर - प्लेकार्ड के जरिए प्रतिवाद किया। इस दौरान पार्टी कार्यकर्त्ताओं व समर्थकों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए झंडे - बैनर के साथ अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार नारे लगाए और केंद्र - राज्य की सरकारों की निकम्मेपन के विरुद्ध जबरदस्त आक्रोश व्यक्त किया। भाकपा-माले के नगर प्रभारी व ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने मौके पर कहा कि पूरे बिहार में कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। इलाज के अभाव में लोग बेमौत मारे जा रहे हैं और भाजपा - जदयू की सरकार चुनाव - चुनाव खेलने में मस्त है। 6 महीने बीत गए लेकिन सरकार ने जांच - इलाज - रोजी - रोजगार किसी मामले में कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया। सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में जांच देश के 19 राज्यों में सबसे कम है । काफी थू - थू होने पर अनुमंडल अस्पताल में जांच की व्यवस्था की घोषणा की गई है। तमाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्राथमिक इलाज की भी ठोस व्यवस्था जरूरी है। उन्होंने कहा कि बीमारी का फैलाव देखते हुए तमाम अनुमंडल और जिला अस्पतालों में कोरोना के बेहतर इलाज और आईसीयू की व्यवस्था होनी चाहिए। इसी तरह, सिर्फ मेडिकल कॉलेज के लिए जिलों को बांट देने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि घोषणा बाजी में सरकार पीछे नहीं है। लेकिन, कोरोना के नाम पर खूब लूट चल रही है। जनता में मुफ्त मास्क, सैनिटाइजर व साबुन का वितरण लापता है। मुफ्त बांटने की बजाय सैनिटाइजर पर 18% जीएसटी लगा दिया गया है। इसी तरह मास्क बांटने की बजाय बिना मास्क वाले राहगीरों से जुर्माना वसूला जा रहा है । पूंजीपतियों से पैसा वसूलने की बजाय लुट पिट चुकी जनता की ही जेब काटने में सरकार लगी हुई है ।आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी बिहार के ही हैं। बावजूद इसके बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की दुर्दशा सबों के सामने है। नकारा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को बर्खास्त किए बगैर स्वास्थ्य व्यवस्था में कुछ भी सुधार की उम्मीद पालना बेमानी है।
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