Rakhi : रंग वीरंगी राखीयोँ से पटा बजार, बहनो की उमड़ी भीड़


ग्राम समाचार - सावन  पूर्णिमा को रखने वाले भाई- के अटुट प्रेम का वर्धमान 22. 

उच्च गुणवत्ता वाले वातावरण में आहार की आवश्यकता होती है।
इस रंग का रंग बिरंगी से बजार मिला है।

कहते है जानकर क्या
इस वार सावन पूर्णिमा के दिन अमृत योग है। वायु प्रदूषण के कारण आयु में आयु की आयु कम होती है।

श्रावण पुर्णिमाने में जाने वाले पर्व पर विशेष पूजा-अर्चना कर रहे हैं। भाई की रक्षा के लिए भाई की देखभाल की जाती है।

दैहिक पर दैहिक की स्थिति में दैत्या की स्थिति में वैट की आवश्यकता होती है। वहीं देश ही नहीं बल्कि विदेशों में बसे भाइयो को भी इस बात का इंतजार रहता है कि उनकी बहनें उन्हें अवश्य ही राखी भेजेंगी
. इस कारण अँधेरा होने के कारण भी यह दुख की बात है।

रक्षाबंधन की ऐतिहासिक साक्ष्य मध्यकालीन युग से पता चलता है। बताया जाता है कि राजपूत व मुस्लिमों के बीच संघर्ष चल रहा था। उस समय गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से अपनी और अपनी प्रजा की सुरक्षा का कोई रास्ता न निकलता देख रानी कर्णावती ने हुमायूं को राखी भेजी थी। तब हुमायूं ने उनकी रक्षा कर उन्हें बहन का दर्जा दिया था।

दूसरा साक्ष्य एलेग्जेंडर व पुरु के बीच का माना जाता है। कहा जाता है कि हमेशा विजयी रहने वाला एलेग्जेंडर भारतीय राजा पुरु की प्रचंडता से काफी विचलित हुआ। इससे एलेग्जेंडर की पत्नी काफी तनाव में आ गईं थीं।

उन्होंने रक्षाबंधन के त्यौहार के बारे में सुना था। उन्होंने भारतीय राजा  पुरु को राखी भेजी। तब जाकर युद्ध की स्थिति समाप्त हुई थी। क्योंकि भारतीय राजा  पुरु ने एलेग्जेंडर की पत्नी को बहन मान लिया था।

इतिहास का तीसरा साक्ष्य पौराणिक काल से है। जो कृष्ण व द्रौपदी को इसका श्रेय जाता है। कृष्ण भगवान ने दुष्ट राजा शिशुपाल को मारा था। युद्ध के दौरान कृष्ण के बाएं हाथ की अंगुली से खून बह रहा था।

इसे देखकर द्रौपदी बेहद दुखी हुईं और उन्होंने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर कृष्ण की अंगुली में बांधा जिससे उनका खून बहना बंद हो गया।
तभी से कृष्ण ने द्रौपदी को अपनी बहन स्वीकार कर लिया था। वर्षों बाद जब पांडव द्रौपदी को जुए में हार गए थे और भरी सभा में उनका चीरहरण हो रहा था तब कृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाई थी।

हर भाई-बहन के लिए रक्षाबंधन का त्यौहार बहुत खास होता है। रेशमी डोर के स्नेह बंधन में बहनें भाइयों को आजीवन बांधे रखती हैं।

भाई और बहन की आत्मा को बांधे रखने वाले इस त्यौहार का नाम है राखी। रक्षाबंधन बहनों की भाइयों के प्रति भावनाओं को अभिव्यक्त करने का त्यौहार है। भाई की कलाई पर राखी बांधकर बहनें उसकी दीर्घायु की कामना करती हैं। 


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Editor - कैलाश शर्मा, विशेष संवाददाता।

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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