आरजू किताबों की - श्रृंखला :: 04 (आदिवासी प्रेम कहानियाँ)

 पुस्तक - आदिवासी प्रेम कहानियां 

लेखक - अश्विनी कुमार पंकज


इसमें इतिहास के अमर पात्रों के प्रेम और संघर्ष को रोचकता और प्रमाण के साथ प्रस्तुत किया गया है. प्रत्येक कहानी के अंत में उसके स्रोत का जिक्र है. ये कहानियां आदिवासियों के इतिहास को भी दुरुस्त करती है और आदिवासी समाज की विशेषताओं को भी प्रस्तुत करती है. आदिवासी समाज की विशेषताएं इस संग्रह में उभर कर आई हैं. पहली विशेषता कि इस समाज में प्रेम का बड़ा महत्व है. इसलिए प्रेम के पल्लवित होने में समाज का योगदान रहता है. हाँ, समाज के नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है. किंतु समाज के नियमों को प्रेम के रास्ते का कांटा नहीं बनाया जाता. प्रेम संबंध जुड़ जाने से उसके निर्वाह के लिए समाज का सहयोग अवश्य मिलता है. यह समाज संघर्षशील होता है. संग्रह की कहानियां और भी रोचक बन जाती है जब प्रेम संघर्ष से उत्पन्न होता है.

आदिवासियों के न्याय-प्रेम और सुंदरता की और अंग्रेजी समाज भी आकर्षित हुआ और यही प्रेम की उत्स भूमि है. चाहे वह सिदो और जेली हो, चाहे बूंदी और सुंदू हो, बैजल या मारिया हो, चाहे मंगरी और रोजवेलगुड हो, चाहे बादल या मैगनोलिया हो, सबके प्रेम की उत्स-भूमि न्याय-प्रेम और संघर्ष है. इसलिए इन नौ कहानियों में प्रेम के सच्चे स्वरूप का दर्शन होता है. जहां बहुत सहजता के साथ प्रेम जीवन में प्रवेश करता है और उसी के प्रति पूर्ण समर्पण भाव है. इन प्रेम कहानियों में कुछ का अंत सुखांत है तो कुछ का दुखांत.


इन कहानियों में झारखंड का आदिवासी परिवेश, प्रकृति, परिस्थितियां, आदिवासियों का जीवन, उनकी सहज प्रवृत्तियां और स्वतंत्रता-संग्राम में अंग्रेजी सत्ता के साथ उनके द्वारा किया गया संघर्ष उभर कर आया है.


इन कहानियों के माध्यम से अपनी जातीय संस्कृति और भूमि के प्रति मर मिटने के अद्भुत जज्बे से लैस आदिवासियों के प्रेम और संघर्ष का जो चित्रण है खासतौर से उलगुलानी बिरसा मुंडा और हुलगारिया सिदो मुर्मू के प्रेम और युद्ध की कहानियों का, वह हमें नए तरीके से देश के इतिहास को समझने के लिए बाध्य करता है.

                                               - रीतेश रंजन। 

पुस्तक नीचे क्लिक कर Online  मांगवाया जा सकता है - 

Share on Google Plus

Editor - संपादक

ग्राम समाचार से आप सीधे जुड़ सकते हैं-
Whatsaap Number -8800256688
E-mail - gramsamachar@gmail.com

* ग्राम समाचार का संवाददाता बनने के लिए यहां क्लिक करें

- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें