जनजातीय सुरक्षा मंच ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि धर्मान्तरित जनजातियों को अनुसूचित जनजाति सूची से हटा कर उन्हें दिए जाने वाला आरक्षण मुक्त करने के मुद्दे को आज50 वर्ष हो चुके हैं।जनजाति समाज की व्यवस्था को देखकर उन्हें जो पीड़ा हुई उसे व्यक्त करने के उद्देश्य से उनके द्वारा 20 वर्ष की काली रात नामक पुस्तिका भी लिखी गई थी साथही 235 लोकसभा के सांसद द्वारा हस्ताक्षर कराकर रखा गया था,किन्तु सभी को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।धर्मान्तरित जातियों को आरक्षण के विरुद्ध तत्कालीन बिहार वर्तमान झारखंड के जनजातीय नेता एवं लोकसभा सदस्य केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय कार्तिक उरांव के द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को 1970 में एक आवेदन भी दिया गया था किन्तु आज 50 वर्ष बाद भी जनजातीय समाज की पीड़ा जस का तस है।
आज जनजातीय सुरक्षा मंच के प्रतिनिधि मंडल में विजय टुडू,,विनोद उपाध्याय, डॉ रंजीत सिंह, रघुनाथ शर्मा,राकेश कुमार,बचू लाल,सुबोध कुमार आदि शामिल थे।
।।।।ग्राम समाचार, सहिबगंज।।।।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें