ग्राम समाचार, भागलपुर। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के लिए सिर्फ 5 साल काम किया है। उसके बाद के 10 साल का उनका कार्यकाल सिर्फ कुर्सी के जुगत में बीत गया। पूरे प्रदेश में सात निश्चय योजना का बुरा हाल है। यह बातें नाथनगर विधानसभा के लोजपा प्रत्याशी अमर सिंह कुशवाहा ने शनिवार को तहबलपुर स्थित कार्यालय में शनिवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों का विकास हुआ। लेकिन बिहार आज भी पिछड़ा हुआ है। राजस्थान के कोटा में हर साल बिहार के लाखों छात्र पढ़ने जाते हैं। वहां पढ़ाने वाले शिक्षक भी बिहार के ही हैं। इसका मतलब साफ है, बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है। लेकिन सरकार ने अभी तक उनके लिए संसाधन मुहैया नहीं कराया है। उन्होंने शराब बंदी को मुख्यमंत्री का महज एक ढोंग बताया और कहा कि पूरे प्रदेश में शराबबंदी का बुरा हाल है। शराब की होम डिलीवरी हो रही है। नकली शराब पी पी कर लोगों की सेहत खराब हो रहे हैं। युवा पीढ़ी रोजगार के अभाव में शराब की तस्करी में लग गए हैं। शराबबंदी से प्रदेश को राजस्व की हानि भी हो रही है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी एक अच्छा कदम है। लेकिन इसको पूरी तरह से लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद राजस्व की भरपाई के लिए जमीन की रजिस्ट्री की राशि काफी बढ़ा दी गई है। जिस जमीन की वास्तविक कीमत ₹100000 कट्ठा है। उसका सरकारी रेट ₹700000 कट्ठा सिर्फ राजस्व वसूली के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन पूरे प्रदेश को विकास की राह पर ले जाएगा। उन्होंने नाथनगर विधानसभा क्षेत्र को लेकर कहा कि यह विधानसभा क्षेत्र विकास से कोसों दूर है। यदि हमारी जीत होती है तो पूरे प्रदेश का विकास किया जाएगा।
Bhagalpur News:कुर्सी के जुगत में बीत गया गया दस साल, कहां से होगा प्रदेश का विकास – अमर कुशवाहा
ग्राम समाचार, भागलपुर। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के लिए सिर्फ 5 साल काम किया है। उसके बाद के 10 साल का उनका कार्यकाल सिर्फ कुर्सी के जुगत में बीत गया। पूरे प्रदेश में सात निश्चय योजना का बुरा हाल है। यह बातें नाथनगर विधानसभा के लोजपा प्रत्याशी अमर सिंह कुशवाहा ने शनिवार को तहबलपुर स्थित कार्यालय में शनिवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों का विकास हुआ। लेकिन बिहार आज भी पिछड़ा हुआ है। राजस्थान के कोटा में हर साल बिहार के लाखों छात्र पढ़ने जाते हैं। वहां पढ़ाने वाले शिक्षक भी बिहार के ही हैं। इसका मतलब साफ है, बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है। लेकिन सरकार ने अभी तक उनके लिए संसाधन मुहैया नहीं कराया है। उन्होंने शराब बंदी को मुख्यमंत्री का महज एक ढोंग बताया और कहा कि पूरे प्रदेश में शराबबंदी का बुरा हाल है। शराब की होम डिलीवरी हो रही है। नकली शराब पी पी कर लोगों की सेहत खराब हो रहे हैं। युवा पीढ़ी रोजगार के अभाव में शराब की तस्करी में लग गए हैं। शराबबंदी से प्रदेश को राजस्व की हानि भी हो रही है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी एक अच्छा कदम है। लेकिन इसको पूरी तरह से लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद राजस्व की भरपाई के लिए जमीन की रजिस्ट्री की राशि काफी बढ़ा दी गई है। जिस जमीन की वास्तविक कीमत ₹100000 कट्ठा है। उसका सरकारी रेट ₹700000 कट्ठा सिर्फ राजस्व वसूली के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन पूरे प्रदेश को विकास की राह पर ले जाएगा। उन्होंने नाथनगर विधानसभा क्षेत्र को लेकर कहा कि यह विधानसभा क्षेत्र विकास से कोसों दूर है। यदि हमारी जीत होती है तो पूरे प्रदेश का विकास किया जाएगा।
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