यूनेस्को द्वारा भारत के पावन पर्व दीपावली को "मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर" की प्रतिष्ठित सूची में शामिल किए जाने पर आज विश्व हिंदू परिषद जिला रेवाड़ी एवं भिवानी विभाग ने संयुक्त रूप से हर्षोल्लास मनाया। यह निर्णय भारत के लिए अत्यंत गर्व का क्षण है, जिसने इस प्राचीन त्योहार को वैश्विक मंच पर पहचान और मान्यता दी है। योग, कुंभ मेला और दुर्गा पूजा के बाद, दीपावली भारत की पांचवीं अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर बन गई है।इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विहिप विभाग मंत्री राजकुमार यादव ने कहा, "दीपावली को यह वैश्विक पहचान मिलना भारतीय संस्कृति की शक्ति और व्यापकता का प्रमाण है। यह केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि जीवन मूल्यों, प्रकाश और न्याय का प्रतीक है, जिसे आज पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है।"जिला सहमंत्री मनोज वशिष्ठ ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "यूनेस्को का यह निर्णय भारत की 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना को चरितार्थ करता है।
दीपावली का संदेश केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व को प्रकाश, शांति और सद्भावना का मार्ग दिखाता है। यह सम्मान सनातन धर्म के शाश्वत मूल्यों को वैश्विक स्तर पर मजबूती प्रदान करता है। हम सभी नगरवासियों को इस गौरवशाली क्षण की बधाई देते हैं।"इस शुभ अवसर को यादगार बनाने के लिए, आज सायं दिल्ली रोड, घीसा नगर स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर जी में एक विशेष आयोजन किया गया। विहिप कार्यकर्ताओं और नगरवासियों ने संयुक्त रूप से असंख्य दीप प्रज्ज्वलित किए, जिससे पूरा वातावरण दैदीप्यमान हो उठा। दीपों की रोशनी के बीच, सबने एक साथ 'जय श्री राम' के जयघोष किए और खुशियां मनाईं।इस गरिमामय उपस्थिति में विहिप विभाग मंत्री राजकुमार यादव, जिला उपाध्यक्ष नरेंद्र जोशी, जिला सहमंत्री मनोज वशिष्ठ, पार्षद लोकेश यादव, गट नायक भव्य वशिष्ठ, पुजारी मनीष शर्मा व राजकुमार शर्मा, मंदिर के ट्रस्टी वीरेंद्र यादव, ओम प्रकाश, पवन बिल्लू बादशाह, रमेश जी एवं असंख्य माताएं, बंधु भगिनी उपस्थित रहे।

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