रेवाड़ी में सामाजिक संगठनों, प्रबुद्ध नागरिकों, अधिवक्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बी आर गंवई पर जूते फेंकने के विरोध में निंदा रोष मार्च आयोजित किया और जिला प्रशासन की मार्फत महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया। जिसमें मांग की गई कि इस घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जाए और ऐसी अलोकतांत्रिक मानसिकता को बढ़ावा देने वाले कारकों का पता लगाकर दोषी और दोषी को शह देने वालों पर सख्त कार्यवाही कानून अनुसार की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। नागरिकों ने एक स्वर में कहा कि यह हमला लोकतंत्र, आजादी पर है। क्योंकि मुख्य न्यायाधीश एक व्यक्ति नहीं बल्कि उच्च लोकतांत्रिक, संवैधानिक संस्था के एक प्रतिनिधि है।
कॉमरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट की पहल पर आयोजित इस निंदा रोष प्रदर्शन में भगत सिंह सांभरिया, सत्यवीर गोठवाल , काशीराम आचार्य, कैलाश चंद, आरपी सिंह, दहिया, राजकुमार एडवोकेट, दीपराज एडवोकेट, हरीश कुमार एडवोकेट ,भूप सिंह, सुभाष चंद, हरिओम, केके मूल निवासी, सतनारायण मेजर, मेजर रविदत, गणेश मेहरा, हितेश, पवन रामपुरा, राजकुमार जलवा एडवोकेट, दुर्गेश, संतोष मूल निवासी, लक्ष्मी बाई,रामेश्वर दयाल शर्मा रणबीर एडवोकेट, सुरेंद्र एडवोकेट, अजय सिंह एडवोकेट, मोतीलाल एडवोकेट, राकेश एडवोकेट, चांदराम एडवोकेट, मीनाक्षी भगत एडवोकेट, सतीश एडवोकेट, इत्यादि ने अपने अपने विचार रखें।
प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर भी चिंता जताई कि कथित दोषी वकील को अपने किए गए अपराध पर कोई खेद नहीं है और देश की लॉ एंड ऑर्डर मशीनरी मौन है। सामाजिक संगठनों एवं प्रबुद्ध नागरिकों ने फैसला लिया कि न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा।



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