रेवाड़ी एसपी पुलिस अधीक्षक हेमेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि त्योहारों के अवसर पर लोग पतंगबाजी करना पसंद करते है, लेकिन पतंग उड़ाते समय अगर कुछ सावधानियां न बरती जाए तो यह खुद के साथ साथ दूसरे लोगों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि कई पतंगबाज पतंग उड़ाने के लिए धारदार चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करना पसंद करते है जो कि काफी खतरनाक होता है। यह मांझा लोगों के लिए जानलेवा भी साबित होता है तथा क्षण भर में ही यह शरीर अंगों को काट देता है और हर साल ऐसी कई घटनाएं सामने आती है। यही कारण है कि प्रशासन ने चाइनीज मांझे की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसलिए पतंग उड़ाने वालों को उड़ान से पहले अपने धागे की जांच परख करनी होगी कि कहीं वे जिस मांझे का इस्तेमाल कर रहे हैं, कहीं वह चाइनीज मांझा तो नहीं है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि चाइनीज मांझा कॉटन फैब्रिक से ना बनाकर कई केमिकल से बनाया जाता है। चाइनीज मांझा पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ग्लास लेपित सिंथेटिक धागा है जो पर्यावरण के साथ-साथ पशु-पक्षियों और इंसानों के लिए भी बेहद हानिकारक है। इस तरह की पतंग डोर पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। ये प्रतिबंध इंसानों, पक्षियों, अन्य जानवरों और पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए लगाए गए है। इस सम्बन्ध में उपायुक्त रेवाड़ी श्री अभिषेक मीणा, भा.प्र.से. द्वारा जिला रेवाड़ी में धारा 163 भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिंता लगाई हुई है।
इनके वितरण और स्टॉकिंग में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। हाल ही में शहर थाना क्षेत्र अंतर्गत चाइनीज मांझा के भंडारण करने के चार मामले भी दर्ज किए गए हैं। चाइनीज मांझा का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ एक लाख रुपये का जुर्माना और पांच साल की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को भी चाइनीज मांझे के इस्तेमाल या भंडारण के बारे में जानकारी मिलती है, तो वह 112 डायल करके पुलिस के साथ साझा करे।

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