Rewari News :: हरियाली तीज को लेकर रंग बिरंगी रील पतंगों से सजे बाजार, हर बार की तरह चाइनीज मांझा की बिक्री बनी "सिरदर्द"



हरियाली तीज त्यौहार को लेकर रंग बिरंगी रील पतंगों से सजे बाजार। रेवाड़ी में तीज पर पतंगबाजी को लेकर लोग जमकर रील पतंगों की कर रहे खरीददारी। प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से बिक रहे चाइनीज मांझा पर पतंग विक्रेताओं ने जताई चिंता।



सावन महीने के प्रमुख त्यौहार हरियाली तीज सिंधारा को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गई है। रेवाड़ी में तीज के त्योहार को लेकर बाजार में पतंगों की दुकानें सजी हुई है। रील पतंगों की खरीददारी के लिए पेठा बाजार, आर्य समाज रोड, भैरू चौक,  पत्थरघटी, पुरानी तहसील, भाड़वास गेट आदि स्थानों पर चहल-पहल बनी है। आज सिंधारा पर्व है कल रविवार 27 जुलाई को तीज पर शहर में जमकर पतंगबाजी होगी। पतंगबाजी का लुत्फ उठाने के लिए लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं। हालांकि थोड़ी मंदी की मार भी देखने को मिल रही है जिस कारण पतंग विक्रेताओं के चेहरे पर मायूसी छाई है। 



इस बार रविवार को हरियाली तीज है इसलिए पतंग विक्रेताओं को आज काम अच्छा चलने की उम्मीद है। पतंग को खुशी, आजादी और शुभता का संकेत माना जाता है। सूर्य के उत्तरायण होने के कारण इस समय सूर्य की किरणें सेहत के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। इसी कारण खुले मैदान में जाकर पतंग उड़ाना स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। शहर में पतंग उड़ाने के शौकीनों की कमी नहीं है।  



रंग बिरंगी और विभिन्न प्रकार के डिजाइन व आकार की पतंगे और मांझा बच्चों से लेकर बड़ो को खूब लुभा रही है। बाजार में अनेक वैरायटी की पतंगे और रील लोगों की पसंद बनी हुई है। सबसे अधिक अमृतसर स्पेशल, बरेली का ढप्पल, पौना, अद्धा, मंजौला, आदमी पतंग, चील पतंग, मटका, डोरेमोन, तिरंगा, रॉकेट, तीन ठड्ढा और कार्टून के साथ रात को उड़ाए जाने वाले बैलून गुब्बारे ढोल तथा 2025 की पतंगों की खरीदी अधिक हो रही है। बाजार में पतंगे 3 रुपये से लेकर 30 रुपये तक और अमृतसर स्पेशल पतंगे 100 से 150 रुपये तक बिक रही है। वहीं एक रील का चरखा 150 से 250 रुपये तथा छह रील का चरखा सात सौ रुपए तक बिक रहा है। जिनमें सम्राट और सी 28 जैसी वैरायटी उपलब्ध हैं। 



पेठा बाजार में माथुर एंटरप्राइजेज से रील पतंगों के थोक विक्रेता राजीव माथुर ने बताया कि इस साल पतंगों के बाजार में रौनक बढ़ी है। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी चाइनीज मांझा सर दर्द बना हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद भी चाइनीज मांझा धड़ल्ले से बिक रहा है। चाइनीज रील बैन होने के बाद भी कई पतंग विक्रेता बाज नहीं आ रहे और थोड़े से पैसे के लालच में लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर साल चाइनीज मांझे से पशु पक्षियों और इंसानों की जान पर बन आती है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि इसकी बिक्री करने वाले दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरियाणा)

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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