ग्राम समाचार, पथरगामा ब्यूरो रिपोर्ट:- प्रखंड के धमसांई शिव मंदिर, महादेव कित शिव मंदिर, कोरका शिव, मंदिर नंदीश्वर नाथ शिवमदिर, शिव शक्ति पीठ स्थित शिव मंदिर आदि सहित चिहारो पहाड़ शक्तिपीठ के महा मृत्युंजय महादेव मंदिर में सावन सप्तमी को लेकर सुबह से ही भक्तों की आवाजाही शुरू हो गई। मृत्युंजय महादेव मंदिर के पंडित रविकांत मिश्रा के द्वारा विधि विधान पूर्वक रुद्राभिषेक हुआ पूजन कार्य संपादित कराया गया। मृत्युंजय महादेव मंदिर में सावन सप्तमी के शुभ अवसर पर रुद्राभिषेक में यजमान के रूप में सौरभ आनंद व उनकी माता रंजना देवी शामिल थे। मृत्युंजय महादेव मंदिर में शिवलिंग को गुलाब समेत कई सुगंधित पुष्पों से आकर्षक रूप से सजाया गया था। पूजन एवं रुद्राभिषेक के बाद पंडित रविकांत मिश्रा ने कहा कि सधाक के मन में यदि श्रद्धा भक्ति ना हो तो पूजा, कर्म, तपस्या, जप, आसन आदि ज्ञान तथा अन्य साधन से महादेव वशीभूत नहीं होते हैं। पंडित रविकांत मिश्रा ने कहा कि पूजन दो प्रकार के होते हैं पहला वाह्य और दूसरा अभ्यन्तर जिन्होंने अपने चित् को शिव को समर्पित किया वह शिव के अनन्य भक्त हैं। धर्म के अधिकारी है। कहा कि शिव भक्त के प्रति स्नेह शिव की पूजा अनुमोदन स्वयं की पूजा में प्रवृत्ति शिव कार्य में शारीरिक व मानसिक चेष्टाओं का होना शिव तथा श्रावण करने में भक्ति भाव हर समय शिव की स्मृति वह स्वच्छ एवं सुंदर विचार का होना व सदा शिव के आश्रित रहकर जीवन निर्वाह करना ये आठ प्रकार के चिन्ह से युक्त मनुष्य शिरोमणि श्रीमान मुनि है, वह सन्यासी है, वह पंडित है, कहा कि जो भक्ति भाव से गंगाजल, बेलपत्र, पुष्प आदि शिव को अर्पित करता है। उसे पर सदैव महादेव की कृपा दृष्टि बनी रहती है।
Pathargama News: महामृत्युंजय महादेव मंदिर में भक्तों ने किया रुद्राभिषेक
ग्राम समाचार, पथरगामा ब्यूरो रिपोर्ट:- प्रखंड के धमसांई शिव मंदिर, महादेव कित शिव मंदिर, कोरका शिव, मंदिर नंदीश्वर नाथ शिवमदिर, शिव शक्ति पीठ स्थित शिव मंदिर आदि सहित चिहारो पहाड़ शक्तिपीठ के महा मृत्युंजय महादेव मंदिर में सावन सप्तमी को लेकर सुबह से ही भक्तों की आवाजाही शुरू हो गई। मृत्युंजय महादेव मंदिर के पंडित रविकांत मिश्रा के द्वारा विधि विधान पूर्वक रुद्राभिषेक हुआ पूजन कार्य संपादित कराया गया। मृत्युंजय महादेव मंदिर में सावन सप्तमी के शुभ अवसर पर रुद्राभिषेक में यजमान के रूप में सौरभ आनंद व उनकी माता रंजना देवी शामिल थे। मृत्युंजय महादेव मंदिर में शिवलिंग को गुलाब समेत कई सुगंधित पुष्पों से आकर्षक रूप से सजाया गया था। पूजन एवं रुद्राभिषेक के बाद पंडित रविकांत मिश्रा ने कहा कि सधाक के मन में यदि श्रद्धा भक्ति ना हो तो पूजा, कर्म, तपस्या, जप, आसन आदि ज्ञान तथा अन्य साधन से महादेव वशीभूत नहीं होते हैं। पंडित रविकांत मिश्रा ने कहा कि पूजन दो प्रकार के होते हैं पहला वाह्य और दूसरा अभ्यन्तर जिन्होंने अपने चित् को शिव को समर्पित किया वह शिव के अनन्य भक्त हैं। धर्म के अधिकारी है। कहा कि शिव भक्त के प्रति स्नेह शिव की पूजा अनुमोदन स्वयं की पूजा में प्रवृत्ति शिव कार्य में शारीरिक व मानसिक चेष्टाओं का होना शिव तथा श्रावण करने में भक्ति भाव हर समय शिव की स्मृति वह स्वच्छ एवं सुंदर विचार का होना व सदा शिव के आश्रित रहकर जीवन निर्वाह करना ये आठ प्रकार के चिन्ह से युक्त मनुष्य शिरोमणि श्रीमान मुनि है, वह सन्यासी है, वह पंडित है, कहा कि जो भक्ति भाव से गंगाजल, बेलपत्र, पुष्प आदि शिव को अर्पित करता है। उसे पर सदैव महादेव की कृपा दृष्टि बनी रहती है।

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