गुणवत्त शिक्षा से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन समाहरणालय भवन, तृतीय तल के बी ब्लॉक में किया गया। कार्यक्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी, जिले के सभी प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड साधन सेवी एवं प्रशिक्षक के रूप में रीतेश रंजन एवं निलेश कुमार उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने स्कूली बच्चों में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (एफएलएन) को सुदृढ़ करने को लेकर 'मेरा विद्यालय निपुण, मैं भी निपुण' कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप प्रारंभिक कक्षाओं में विद्यार्थियों के सीखने के परिणामों में सुधार करना है। दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान को विद्यार्थियों में शैक्षणिक सुधार का प्रमुख कारक माना है। इसे कक्षा 1 व 2 के विद्यार्थियों के लिए लागू किया जायेगा।
इससे इन कक्षा के बच्चों में एफएलएन में अपेक्षित प्रतिफल प्राप्त हो सके और बच्चे उच्च कक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। इसी को लेकर निपुण भारत अभियान के तहत किए गए पिछले प्रयासों के साथ साथ, बुनियादी कक्षाओं में विद्यार्थियों के वर्तमान अधिगम प्रतिफल में वृद्धि के लिए इस कार्यक्रम को शुरू किया जा रहा है। मेरा विद्यालय निपुण के तहत प्रत्येक स्कूलों का निर्धारित मापदंडों के अनुसार मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें समृद्ध कक्षा-कक्ष, शिक्षण अधिगम सामग्री का उपयोग, शिक्षकों की निपुण लक्ष्यों के प्रति जागरूकता, समय निर्धारण, बाल साहित्य का उपयोग, कक्षा संचालन प्रक्रिया एवं विद्यार्थियों का आकलन, प्रधानाध्यापक की भागीदारी, सामुदायिक भागीदारी और विद्यार्थियों के अधिगम परिणाम जैसे 13 संकेतक होंगे। स्कूल व विद्यार्थियों को मिलेगा प्रमाण पत्र स्कूलों को मेरा विद्यालय निपुण घोषित होने के लिए कुल 13 संकेतक में से न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक लाना होगा। जो स्कूल मेरा विद्यालय निपुण श्रेणी में घोषित होंगे, उन स्कूलों को एफएलएन डिजिटल सर्टिफिकेट भी दिया जायेगा। स्कूलों को प्राप्त प्रतिशत के आधार पर उन्हें स्वर्ण, रजत और कांस्य श्रेणी के लिए चुना जाएगा। मैं भी निपुण के तहत कक्षा 2 और 3 के बच्चों का बुनियादी साक्षरता (हिंदी और अंग्रेजी) और संख्यात्मकता पर मूल्यांकन किया जाएगा। प्रत्येक विषय में न्यूनतम 75 फीसद अंक लाने वाले विद्यार्थी निपुण प्राप्त करने होंगे। जिन विद्यार्थियों को इतने अंक मिलेंगे, वे सीधे एफएलएन चैंपियनशिप के लिए विद्यालय स्तर पर चयनित हो जाएंगे और उन्हें 'मै भी निपुण' प्रमाणपत्र मिलेगा। निर्धारित स्कोर प्राप्त करने वाले स्कूल को 'मेरा विद्यालय निपुण' घोषित किया जाएगा। ऑनलाइन एप से होगा मूल्यांकन प्रक्रिया में मुख्य संसाधन व्यक्ति (केआरपी), मास्टर ट्रेनर शामिल होंगे। जिला के सभी स्कूलों में इसे लागू किया जाएगा! एफ़.एल.एन मास्टर ट्रेनर के स्कूल व विद्यार्थियों का मूल्यांकन पहले किया जाएगा। इसके बाद अगस्त से दिसंबर तक चयनित मास्टर ट्रेनर अपने-अपने प्रखंडों के स्कूल व विद्यार्थियों का मूल्यांकन-सह-प्रमाणीकरण करेंगे। दिसंबर तक जिला के सभी स्कूलों के करीब, इस कार्यक्रम के तहत जिला में करीब एक लाख विद्यार्थियों का मूल्यांकन हो सकेगा। मूल्यांकन शुरू में तीन शिक्षकीय विद्यालयों से शुरू होगा, जबकि एकल शिक्षकीय विद्यालयों का मूल्यांकन अंत में किया जाएगा। वैसे जिला के सभी प्राइमरी स्कूलों के बच्चों के लिए यह कार्यक्रम चलेगा।
- ग्राम समाचार, गोड्डा।


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