रेजांगला युद्ध के महानायक मेजर शैतान सिंह भाटी परमवीर चक्र के शताब्दी जयंती वर्ष में 17 जून को उनकी जन्म स्थली जोधपुर से चलकर राजस्थान और हरियाणा के सभी रेजांगला शहीद परिवारों का मान सम्मान करते हुए मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा, एटा, मैनपुरी, इटावा, कन्नौज, उन्नाव, फतेहपुर, प्रयागराज, बनारस, गाजीपुर, सुल्तानपुर, अयोध्या, हरदौई, फर्रुखाबाद, बदायूं के रास्ते उत्तर प्रदेश के सभी 24 रेजांगला शहीद परिवारों को पहली बार उनके घर जाकर सम्मानित करते हुए कुमाऊँ रेजिमेंट सेंटर रानीखेत पहुंची।
रेजांगला पराक्रम यात्रा का ब्रिगेडियर संजय यादव सेंटर कमांडेंट की कमान में भव्य स्वागत किया गया। रेजांगला युद्ध के जीवित योद्धा जो यात्रा के मुख्य अतिथि हैं को विशेष सम्मान देते हुए उनसे पूरे सैन्य सम्मान व गार्ड ऑफ आनर्स के साथ शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित करवाया गया । कप्तान रामचन्द्र साहब अपने सेंटर में पहुंच कर जोश से लबरेज होकर 87 साल की आयु में मोर्चे पर लड़ने को तैयार हो गए। यात्रा संयोजक सावन सिंह रोहिल्ला व यात्री दल के सदस्य सैन्य परंपरा से रूबरू होकर रोमांचित हो गए।
रेजांगला शौर्य समिति के मार्गदर्शन में शहीद सेवा दल फाउंडेशन की यह यात्रा 12 जुलाई को हरिद्वार पहुंचेगी । पतंजलि योग पीठ में योग गुरु स्वामी रामदेव के सानिध्य में विश्राम के बाद सावन मास के पहले सोमवार को पवित्र गंगाजल लेकर दीनानगर गुरदासपुर रेजांगला शहीद सिपाही बहार बाल्मीकि के घर के लिए रवाना होगी। यात्रा की मार्ग दर्शक समिति के महासचिव नरेश चौहान राष्ट्रपूत ने यह जानकारी देते हुए याद दिलाया कि यात्रा पूरे डेढ़ महीने 6500 किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर 23 जुलाई को अहीर धाम चूशूल घाटी लेह लद्दाख पहुंचेगी। सावन माह की शिवरात्रि के दिन अहीर धाम पर अमर शहीदों की समाधि पर गंगाजल अर्पित कर 2 अगस्त को नेशनल वॉर मेमोरियल नई दिल्ली में पूरे परंपरागत सम्मान के साथ यात्रा का समापन होगा।
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