रांची, झारखंड: झारखंड हाई कोर्ट में सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता (सीजीएल) परीक्षा-2023 में हुई कथित गड़बड़ियों की सीबीआई जांच कराने से संबंधित जनहित याचिका पर आज, 19 जून, 2025 को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस एम.एस. रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के पक्ष को सुनने के बाद, अगली सुनवाई के लिए 26 जून की तारीख निर्धारित की है। इससे पूर्व में सीजीएल परीक्षा के रिजल्ट प्रकाशन पर लगी रोक बरकरार रखी गई है।
मामले की स्थिति:
राज्य सरकार की ओर से खंडपीठ से कहा गया कि महाधिवक्ता राजीव रंजन बहस करेंगे, जिसके कारण मामले को दोपहर 12:30 बजे के बाद के लिए रखा गया था। हालांकि, खंडपीठ ने मामले की सुनवाई अगले सप्ताह करने की बात कही, जिसके बाद 26 जून की नई तारीख तय हुई।
पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोप:
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से सीजीएल पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि मामले में अनुसंधान जारी है। कुछ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है, लेकिन फोरेंसिक जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि सीजीएल परीक्षा-2023 में पेपर लीक, पेपर का सील खुला होना और बड़ी संख्या में प्रश्नों को रिपीट करने जैसी गंभीर गड़बड़ियां हुई हैं। प्रार्थियों ने यह भी मांग की है कि सीजीएल परीक्षा को रद्द किया जाए और पूरे मामले की स्वतंत्र एजेंसी जैसे सीबीआई या न्यायिक जांच कराई जाए।
सुनवाई के दौरान उपस्थिति:
सुनवाई के दौरान वादी की ओर से अधिवक्ता समीर रंजन नैवेदी और जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावल उपस्थित रहे। प्रार्थियों कुमार व अन्य की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई है।
इस मामले की अगली सुनवाई 26 जून को होनी है, जिस पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि हाई कोर्ट का अगला रुख क्या होगा और क्या सीबीआई जांच की मांग को स्वीकार किया जाएगा। यह मामला हजारों छात्रों के भविष्य से जुड़ा है, जो इस परीक्षा में शामिल हुए थे।
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