महागामा, झारखंड: राजमहल कोल परियोजना में दो दिवसीय द्विपक्षीय सेफ्टी कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य खनन कार्यों में सुरक्षा सुनिश्चित करना और 'जीरो दुर्घटना' के लक्ष्य को प्राप्त करना था। यह बैठक परियोजना के ऊर्जा नगर गुड़िया गेस्ट हाउस में शुरू हुई और दूसरे दिन परियोजना के पुरिया कार्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में संपन्न हुई।
सुरक्षा नियमों का पालन अनिवार्य: बैठक के प्रथम दिन, परियोजना के खनन क्षेत्र की सुरक्षा के बारे में बारीकी से जानकारी ली गई। गेस्ट हाउस में आरसीएमएल कंपनी के अधिकारियों ने सुरक्षा के नियमों के बारे में बताया और खनन क्षेत्र में सुरक्षा के नियम पालन करने की जानकारी दी। यूनियन प्रतिनिधि एवं परियोजना प्रबंधन के बीच सुरक्षा को लेकर चर्चा करते हुए यह बात कही गई कि 2018 वर्ष से अभी तक परियोजना में कोई भी दुर्घटना नहीं हुई है।
'जीरो दुर्घटना' का संकल्प: प्रबंधन का लक्ष्य 'जीरो दुर्घटना' को बरकरार रखना है। परियोजना के महाप्रबंधक प्रभारी पुण्य नायक ने साफ किया कि सुरक्षा के सभी नियमों का पालन किया जा रहा है और जो भी कमी है, उसे सुधारने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि सुरक्षा के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करने से दुर्घटना की संभावना कम हो जाती है। जीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि 'जीरो दुर्घटना' पर पूरी तरह से कार्य हो रहा है।
खनन क्षेत्र का निरीक्षण और सुधार: बैठक के दौरान खनन क्षेत्र में लाइटिंग की समुचित व्यवस्था की बात भी की गई। कोयला और मिट्टी कटाई बैच के अनुसार किया जा रहा है, ताकि कार्य में स्पष्टता बनी रहे। सेफ्टी कमेटी के सदस्यों द्वारा परियोजना के खनन क्षेत्र, ओबीपी (ओवरबर्डन प्रोजेक्ट), हुंडई खनन क्षेत्र एवं नवनिर्मित एसईपीआई का निरीक्षण किया गया। इसको लेकर सदस्यों द्वारा दिशा-निर्देश दिए गए।
उपस्थित पदाधिकारी: इस दौरान उपस्थित पदाधिकारियों को गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया। मौके पर जीएम सेफ्टी अशोक कुमार, सतीश मुरारी, दिनेश शर्मा, पी.पी. बानीवाल, गौरव कुमार, चरणजीत सिंह, प्रणव कुमार, संजय अवस्थी, पप्पू ठाकुर, माधव बनर्जी, सब्यसाची आलम, अंगद उपाध्याय, अनिल सिंह, अविनाश कुमार आदि उपस्थित थे। यह बैठक परियोजना के सुरक्षित और कुशल संचालन के प्रति प्रबंधन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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