रांची, झारखंड: झारखंड हाई कोर्ट ने अपनी नौकरानी सुनीता के साथ क्रूरता और अमानवीय व्यवहार के आरोप में फंसी निलंबित आईएएस अधिकारी सीमा पात्रा द्वारा दायर आपराधिक अपील पर आज, गुरुवार, 19 जून, 2025 को सुनवाई की। मामले की सुनवाई के दौरान, अदालत ने पीड़िता नौकरानी सुनीता को नोटिस जारी किया है और मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख निर्धारित की है।
मामले की पृष्ठभूमि:
यह मामला तब सामने आया था जब सीमा पात्रा पर अपनी नौकरानी सुनीता को कई दिनों तक भूखे-प्यासे कमरे में बंद रखने और रॉड से मारकर उसके दांत तोड़ने का आरोप लगा था। सुनीता ने यह भी आरोप लगाया था कि गर्म तवे से उसके शरीर के कई हिस्सों में दागा गया था। इस मामले में सुनीता पर हो रहे अत्याचारों की जानकारी किसी तरह कार्मिक विभाग के अधिकारी विवेक बास्की को मिली थी, जिसके बाद उन्होंने उपायुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई। मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पुलिस ने सुनीता का बयान भी दर्ज कराया था।
निचली अदालत ने सीमा पात्रा की डिस्चार्ज याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद सीमा पात्रा ने हाई कोर्ट में यह आपराधिक अपील दायर की है। सीमा पात्रा ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है।
अधिवक्ताओं की दलीलें:
सुनवाई के दौरान, सीमा पात्रा की ओर से अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने उनका पक्ष रखा। वहीं, मामले के सूचक विवेक बास्की की ओर से अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान, सूचक के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में एससी-एसटी अधिनियम की धारा 15ए के तहत मामले में पीड़िता का पक्ष सुनने के बाद ही आगे बढ़ना चाहिए।
आगे की सुनवाई:
यह मामला बेहद संवेदनशील है और इसकी अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी। इस दौरान, अदालत पीड़िता सुनीता का पक्ष सुनेगी और मामले में आगे की कार्यवाही पर फैसला लेगी। इस मामले पर पूरे राज्य की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह न्याय और मानवाधिकारों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
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