Rewari News : प्रयास विंग एक बेहतरीन सोच, सामाजिक कार्यों में होगा चिकित्सकों का योगदान :: दीपक यादव

‘हैप्पी पीरियड्स!’ की शुभकामना संदेश के साथ IMA रेवाड़ी ने शुरू की “प्रयास विंग” की शुरुआत। आम जनता के बीच में जाकर कार्य करेगी प्रयास विंग। प्रयास विंग के ज़रिए सामाजिक कार्यों में चिकित्सक देंगे योगदान। प्रयास विंग एक बेहतरीन सोच, सामाजिक कार्यों में होगा चिकित्सकों का योगदान। सैनेट्री पैड कमोड में नहीं डालने की भी अपील की कहा महिला शौचालय में रखे जाने चाहिएं पीले डब्बे। 



डॉक्टरों के संघटन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आई एम ए) रेवाड़ी ने ‘प्रयास’ नाम से सामाजिक महत्व के मुद्दों पर नई विंग शुरू की है। इसी कड़ी में 6 फ़रवरी को शहर के KLP कॉलेज की छात्राओं तथा 5 फ़रवरी को सर्कुलर रोड स्थित गवर्मेंट गर्ल्स स्कूल की 8 वीं से 12 वीं तक की छात्राओं के साथ शहर के डॉक्टरों ने एक वर्कशॉप का आयोजन किया। इस अवसर पर IMA कि नई विंग “प्रयास” का भी शुभारंभ किया गया।

जिला CMO डॉ सुरेंद्र यादव इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की तरह सम्मिलित हुए ।

इसके अलावा विशिष्ट अतिथियों में डिप्टी CMO डॉक्टर भंवरसिंह, डॉक्टर अशोक कुमार, डॉक्टर विशाल राव व कॉलेज प्रिंसिपल डॉक्टर कविता गुप्ता मौजूद रहे।

अन्य अतिथिगणों में डॉक्टर कविता यादव, डॉक्टर राम बाबू यादव व डॉक्टर रिज़ूल सैनी मौजूद रहे।



“प्रयास” की चेयरपर्सन डॉ पूनम यादव ने बताया की ‘महावारी’ मानव जीवन की शुरुवात होने से जुड़ी एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक प्रक्रिया है। लेकिन दुर्भाग्य से हमारे समाज में यह कुछ मिथकों और शर्म बोध से जुड़ गई। खुल कर बात चीत नहीं होने से इस विषय पर अज्ञानता और भी बढ़ गई। जिस कारण समाज की आधी आबादी इस से संबंधित तकलीफों को चुप चाप सहन करती आ रही है। समस्या का पहला समाधान जागरूकता है। इसी लिए हर वर्ष 5 फरवरी को महावारी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है।


संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर दीपक, सचिव डॉक्टर नीरज, संगठन सचिव डॉक्टर सुमित्रा ने विषय से संबंधित जानकारी रखी। श्रीमती विनीता यादव, सेवा निवृत अधिवक्ता शैफाली सैनी, डॉ अचल सिंगला, डॉ सुरेखा राव, डॉ सुमन यादव ने महावारी से संबंधित मिथक, चिंताएं, ध्यान देने योग्य बातों की जानकारी वहां उपस्थित छात्राओं से विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बहुत रोचक तरीके से सांझा की।


कॉलेज प्रिंसिपल डॉक्टर कविता गुप्ता, जुगनू क्लब के योगेश्वर, एवं अन्य स्कूल शिक्षक भी वर्कशॉप का हिस्सा बने और सहयोग किया। अंत में छात्राओं ने वहां उपस्थित डॉक्टरों से निजी शंकाओं पर संवाद किया।



ढक्कन वाले पीले डस्टबिन में डालें इस्तेमाल किया हुए स्नेट्री पैड।आईएमए के प्रेसिडेंट डॉक्टर दीपक ने सभी से अपील करी की इस्तेमाल के बाद पैड कमोड में नहीं डालना चाहिए व सभी संस्थानों को महिला शौचालय में ढक्कन वाले पीले डब्बे रखने चाहिए ताकि स्नेट्री पैड्स का उचित निस्तारण हो सके। एक निस्तारण के लिए पीला डब्बा और आपातकाल में सैनेट्री पैड की जरूरत पर नए स्नेट्री पैड्स भी IMA ने कॉलेज व स्कूल प्रबंधन को सौंपा।

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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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