ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। होली पर्व के नजदीक आते ही बाजारों में दुकानदारों के द्वारा मिलावटी खाद्य पदार्थो की खेप मंगवाकर स्टाॅक की जा रही है। मिलावटी खाद्य पदार्थों में सरसों तेल रिफाइंड तेल तो पूर्व से थे और अब इसमें देशी घी भी अछूता नहीं है। होली में पुआ व पकवान का खास महत्व है। जिससे बाजारों में इसकी मांग काफी बढ़ गई है। अमीर से लेकर गरीब तबके के लोग अपने क्षमता के मुताबिक पुआ व पकवान घी में ही तैयार कर अपनी परंपराओं का निर्वाहण करना चाहते हैं। ऐसे में कई लोग सस्ते के चक्कर में असली की जगह नकली व मिलावटी घी,सरसों तेल और रिफाईंड ऑयल उठा लाते हैं। जिसके सेवन से पूरे परिवार के साथ ही मेहमानों की भी सेहत बिगड़ जाती है। लोगों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड के मामले में खाद्य सरंक्षण विभाग के पदाधिकारी भी चुप्पी साधे रहते हैं। ऐसे में घी,सरसों तेल,रिफाईंड ऑयल खरीदते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इसलिए सही से जांच व परख कर ही घी के साथ साथ सरसों तेल और रिफाईंड ऑयल खरीदें। ऐसा नहीं करने से आपकी होली फीकी पड़ सकती है। वहीं,
मिलावटी व नकली घी,सरसों तेल,रिफाईंड ऑयल से बचने का एक सहज तरीका ब्रांडेड कंपनी की घी,सरसों तेल एवं रिफाईंड ऑयल स्थानीय स्तर पर विश्वासी दुकानों से ही घी की खरीदारी करना है। दुकानों में ज्यादातर दुकानदार अभी मिलावटी खाद्य तेलों में मिसाइल तेल, रिफाईंड ऑयल में राग का भरपूर उपयोग बेचने में कर रहे हैं। क्योंकि सरसों तेल और रिफाइंड आयल का मूल्य ब्रांडेड तेल और रिफाइंड ऑयल के मुकाबले कम होता है। इसलिए गरीब तबके के लोग इसका इस्तेमाल करते हैं और बीमार होते हैं। लोगों के स्वास्थ्य के साथ यह दुकानदार मुनाफा कमाने के लिए खिलवाड़ कर रहे हैं। वहीं डाक्टरों का कहना है कि, देशी घी में वनस्पति घी मिलावट होने से इसके सेवन से हार्ट की समस्या पैदा हो सकती है। नकली व मिलावटी घी,सरसों तेल,रिफाईंड ऑयल खासकर हार्ट व शुगर मरीजों की सेहत को अधिक खतरा है। ये सामान्य लोगों के पेट और फेफडों व हृदय को बुरी तरह प्रभावित सकता है। वहीं, फूड पॉजनिंग की भी संभावना बनी रहती है। होली पर्व पर पूरी तरह जांच व परख कर ही घी की खरीद करें। अगर हो सके तो ब्रांडेड घी से ही पुआ व पकवान बनायें। बाजार में बिक रहे घी की पूरी पड़ताल कर लें, तभी घी की खरीदारी करें। वहीं, प्रशासन भी नकली घी,सरसों तेल,रिफाईंड ऑयल बेचने वालों पर शिकंजा कसें। जिससे आम लोगों को आर्थिक व शारीरिक हानि नहीं हो। बताते चलें कि, मिलावटी व नकली घी तैयार करने के लिये 40 फीसदी रिफाइन ऑयल और 60 फीसदी डालडा को मिलाया जाता है। इसके अलावे इसमें उबले हुए आलू और कोलतार भी मिलाये जाते हैं डालडा दानेदार होते हैं इसलिये मिलावटी घी में इसका इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, मिलवाटी घी की क्वालिटी को बेहतर करने एवं उसे असली लुक देने के लिये इसमें पांच से दस फीसदी असली घी व क्रीम मिलाये जाते हैं। इसमें देसी घी का सुगंध लाने के लिये घी वाला अर्क व सेंट भी मिलाया जाता है।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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