Bhagalpur News:सदाए तसव्वुफ़' पत्रिका और 'संक्षिप्त इतिहास: खानवाद ए पीर दमड़िया शाह' पुस्तक का विमोचन
ग्राम समाचार, भागलपुर। रूहानियत, तसव्वुफ़, ज्ञान, साहित्य और समाज सुधार के क्षेत्र में हमेशा अग्रणी रहने वाली प्रसिद्ध रूहानी खानकाह पीर दमड़िया शाह, खलीफा बाग, भागलपुर में एक भव्य और पावन समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में खानकाह की ओर से प्रकाशित दो महत्वपूर्ण साहित्यिक और वैचारिक कृतियों का विमोचन संपन्न हुआ। इस अवसर पर पहली प्रकाशित रचना खानकाह द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका सदाए तसव्वुफ़ थी, जो सूफ़ी तालीमात, इस्लामी मूल्यों, इस्लाह पसंद लेखों और उर्दू साहित्य से सुसज्जित है। दूसरी रचना आदरणीय इस्लाम अहमद शाही द्वारा लिखित पुस्तक संक्षिप्त इतिहास खानवाद ए पीर दमड़िया शाह भागलपुर थी, जो इस महान रूहानी खानदान की सेवाओं, जीवन परिचय, वैचारिक विरासत और सामाजिक प्रभाव पर आधारित एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। पत्रिका और पुस्तक का विमोचन मौलाना सैयद शाह फखरे आलम हसन मजाहिरी (सज्जादानशीन, खानकाह पीर दमड़िया शाह), प्रो. डॉ. शाहिद रज़ा जमाल (प्रमुख, उर्दू विभाग, पीजी यूनिवर्सिटी, मुंगेर), मौलाना मुतिउर्रहमान (अध्यक्ष, जमीअत उलेमा भागलपुर), मौलाना अब्दुल्ला बुखारी (संचालक, मदरसा तज्वीदुल क़ुरआन, मुंगेर), डॉ. ग़ुलाम सरवर अशरफ़ी (संपादक), प्रो. मुमताज़ अहमद (पूर्व चेयरमैन, मदरसा बोर्ड) और वरिष्ठ नेता सैयद शाह अली सज्जाद के पवित्र हाथों से संपन्न हुआ। इस समारोह में शहर और बाहरी इलाकों से आए विद्वानों, बुजुर्गों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, लेखकों, अदब से जुड़े लोगों, खानकाही व्यवस्था से संबंधित अकीदतमंदों और तसव्वुफ़ के चाहने वालों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इस मौके पर पत्रिका और पुस्तक के उद्देश्यों, महत्व और रूहानी आंदोलनों के प्रचार-प्रसार में उनकी उपयोगिता पर विस्तृत चर्चा हुई। यह महज़ एक विमोचन नहीं, बल्कि एक वैचारिक काफ़िले की शुरुआत है जो रूहानियत, ज्ञान और इंसानियत के पैग़ाम को फैलाएगा।
इस मौके पर खानकाह के सज्जादानशीन और पत्रिका के प्रधान संपादक मौलाना सैयद शाह फख़रे आलम ने कहा कि यह दीन, तालीम और इस्लाह पर आधारित त्रैमासिक पत्रिका "सदाए तसव्वुफ़" अल्लाह के फज़्ल और करम से आज अपने विमोचन के मुकाम पर पहुंच चुकी है। खानकाह के पूर्व सज्जादानशीन, मेरे वालिद हज़रत मौलाना सैयद शाह हसन मानी नदवी रह. की पुरानी ख्वाहिश और उनके ख्वाब आज इस मौके पर पूरे हो रहे हैं, जिसके लिए हम खानदान-ए-पीर दमड़िया शाह के सभी जुड़े लोगों की तरफ से अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं। हम दुआ करते हैं कि यह पत्रिका कबूलियत का दर्जा पाए और पाठकों के लिए आम फायदा और हिदायत का जरिया बने। इस पत्रिका के ज़रिए जो असली तसव्वुफ़, एहसान और नबी करीम की तालीमात को उजागर किया गया है, वह समाज में अमल में आए। इस अवसर पर सज्जादा नशीन सैयद शाह फख्र आलम हसन ने इस्लाम अहमद शाही द्वारा लिखित खानकाह के सजादा नशीनों और बुजुर्गों पर आधारित पुस्तक का भी विमोचन किया, जिसे वह एक बेहद हर्ष और सम्मान की बात मानते हैं। उन्होंने समारोह में आए तमाम मेहमानों और उपस्थित लोगों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर अता उल्लाह बुखारी, सैयद यहया हुसैनी, सैयद शाह सलमान अली शरफ़ शाह, सैयद हुजैफा, मुहम्मद अहमद उर्फ़ बाशो, कारी औरंगज़ेब, क़मर ताबां, प्रोफेसर डॉ देव ज्योति मुखर्जी आदि मौजूद रहे।
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