ग्राम समाचार न्यूज : रेवाड़ी : हरियाणा : राज्य के विश्व युद्ध समय के अमर शहीद सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानीयों का नाम गांव के गौरव पटटौ पर लिखा गया है एवं गुमनाम रह गए प्रथम द्वितीय विश्व युद्ध समय के अमर शहीद हुए सैनिकों का नाम देश विदेश के युद्ध स्मारकों पर लिखा मिल सकता है और गुमनाम रह गए अनैको स्वतंत्रता सेनानीयों का रिकॉर्ड आजाद हिन्द फौज नामिनल रोल राष्ट्रीय अभिलेखागार में मिल सकता है बल्कि ऐसे काफी आजाद हिन्द फौज अमर शहीद सैनिकों को गांव के गौरव पटटौ पर लिखें नाम अनुसार अंग्रेजी सेना में रहते हुए शहीद भी दिखाया मिल सकता है ।
फौगाट द्वारा राज्य के अनेकों गुमनाम रह गए आजाद हिन्द फौज सैनिकों का रिकॉर्ड ढुढकर एक दशक से सरकार को लेकर स्वतंत्रता सेनानी दर्जा देने के लिए छः सालों से ही अनुरोध किया जा रहा है लेकिन आज तक ऐसे सैनिकों को गांव के गौरव पटटौ पर स्वतंत्रता सेनानी होने का नाम नहीं लिखा गया है लेकिन सरकार द्वारा पांच सालों से सम्बन्धित विभाग में सिफारिश पत्र लिखें जा रहें हैं उन्होंने बताया कि उस समय राज्य को नाभा स्टेट, लोहारू स्टेट, पटियाला स्टेट,जीन्द स्टेट के नाम से जाना जाता था इसलिए उनके लिए भी स्वतंत्रता सेनानी रिकॉर्ड से गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी होने कि भी पहचान करना काफी मुश्किल होता है लेकिन उनको द्वितीय विश्व युद्ध समय के अमर शहीद हुए अंग्रेजी सेना सैनिकों के परिवारों या सरकार से युनिट आर्मी नम्बर नाम पता मिल जाए तो काफी ऐसे अमर शहीद हुए सैनिकों का आजाद हिन्द फौज रिकॉर्ड ढुंढने में सफल भी हो सकतें हैं जिससे पता चलता है कि अंग्रेजी सेनाओं द्वारा दिये रिकॉर्ड से सभी आजाद हिन्द फौज सैनिकों को स्वतंत्रता सेनानी दर्जा दिया जाना आसान नहीं रहा था लेकिन अब केन्द्रीय सरकार द्वारा ऐसे सैनिकों का आजाद हिन्द फौज रिकॉर्ड को भी सार्वजनिक किया गया है और चौधरी बंशीलाल युनिवर्सिटी के इतिहास विभाग अध्यक्ष को गुमनाम रह गए स्वतंत्रता सेनानीयों कि जिवनी तैयार करने का भी दायित्व दिया गया है।
फौगाट द्वारा सरकार से मांग किया गया है कि उन्होंने गुमनाम रह गए स्वतंत्रता सेनानीयों का रिकॉर्ड आजाद हिन्द फौज दिया गया है ऐसे सैनिकों का नाम पता सार्वजनिक किया जाएं ताकि परिवारों तक पहुंच जाएं और इतिहास विभाग अध्यक्ष को दिया जाएं ताकि जितनी तैयार किया जाएं एवं विश्व युद्ध द्वितीय अंग्रेजी सेना अमर शहीद सैनिकों कि युनिट आर्मी नम्बर नाम पता भी दिया जाएं ताकि ऐसे सैनिकों का रिकॉर्ड आजाद हिन्द फौज ढुंढना संभव रहें।
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