ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- जिला कांग्रेस कार्यालय में सोमवार को देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्व० पंडित जवाहरलाल नेहरू की 133 वी जयंती मनाई गई। इस अवसर पर उनके स्वाधीनता आंदोलन एवं प्रधानमंत्री काल में देश के लिए किए गए महत्वपूर्ण कार्यों को याद किया गया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष दिनेश यादव ने समस्त जिलेवासियों को बाल दिवस की शुभकामनाएं दी। उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता दिनेश प्रसाद यादव ने की। मौके पर उपस्थित सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर राकेश रोशन ने नेहरू जी के बारे कहा कि जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी के कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़े। चाहे असहयोग आंदोलन की बात हो या फिर नमक सत्याग्रह या फिर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन की बात हो उन्होंने गांधी जी के हर आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। राकेश ने बताया कि नेहरू की विश्व के बारे में जानकारी से गांधी जी काफ़ी प्रभावित थे और इसीलिए आज़ादी के बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद पर देखना चाहते थे। जवाहरलाल नेहरू ने भारत को तत्कालीन विश्व की दो महान शक्तियों का पिछलग्गू न बनाकर तटस्थता की नीति का पालन किया। राकेश रोशन ने कहा कि नेहरू जी ने निर्गुटता एवं पंचशील जैसे सिद्धांतों का पालन कर विश्व बन्धुत्व एवं विश्वशांति को प्रोत्साहन दिया। उन्होंने पूंजीवाद, साम्राज्यवाद, जातिवाद एवं उपनिवेशवाद के ख़िलाफ़ जीवनपर्यन्त संघर्ष किया। अपने क़ैदी जीवन में जवाहरलाल नेहरू ने 'डिस्कवरी ऑफ़ इण्डिया', 'ग्लिम्पसेज ऑफ़ वर्ल्ड हिस्ट्री' एवं 'मेरी कहानी' नामक ख्यातिप्राप्त पुस्तकों की रचना की। इस अवसर पर प्रवक्ता राजीव मिश्रा, ज्योतिंदर झा, सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर राकेश रोशन, अकबर अली, मनोज कुमार झा, सच्चिदानंद साह, आशीष कुमार यादव आदि मौजूद थे।
Godda News: कांग्रेस कार्यालय में मनाई गई पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती
ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- जिला कांग्रेस कार्यालय में सोमवार को देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्व० पंडित जवाहरलाल नेहरू की 133 वी जयंती मनाई गई। इस अवसर पर उनके स्वाधीनता आंदोलन एवं प्रधानमंत्री काल में देश के लिए किए गए महत्वपूर्ण कार्यों को याद किया गया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष दिनेश यादव ने समस्त जिलेवासियों को बाल दिवस की शुभकामनाएं दी। उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता दिनेश प्रसाद यादव ने की। मौके पर उपस्थित सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर राकेश रोशन ने नेहरू जी के बारे कहा कि जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी के कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़े। चाहे असहयोग आंदोलन की बात हो या फिर नमक सत्याग्रह या फिर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन की बात हो उन्होंने गांधी जी के हर आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। राकेश ने बताया कि नेहरू की विश्व के बारे में जानकारी से गांधी जी काफ़ी प्रभावित थे और इसीलिए आज़ादी के बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद पर देखना चाहते थे। जवाहरलाल नेहरू ने भारत को तत्कालीन विश्व की दो महान शक्तियों का पिछलग्गू न बनाकर तटस्थता की नीति का पालन किया। राकेश रोशन ने कहा कि नेहरू जी ने निर्गुटता एवं पंचशील जैसे सिद्धांतों का पालन कर विश्व बन्धुत्व एवं विश्वशांति को प्रोत्साहन दिया। उन्होंने पूंजीवाद, साम्राज्यवाद, जातिवाद एवं उपनिवेशवाद के ख़िलाफ़ जीवनपर्यन्त संघर्ष किया। अपने क़ैदी जीवन में जवाहरलाल नेहरू ने 'डिस्कवरी ऑफ़ इण्डिया', 'ग्लिम्पसेज ऑफ़ वर्ल्ड हिस्ट्री' एवं 'मेरी कहानी' नामक ख्यातिप्राप्त पुस्तकों की रचना की। इस अवसर पर प्रवक्ता राजीव मिश्रा, ज्योतिंदर झा, सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर राकेश रोशन, अकबर अली, मनोज कुमार झा, सच्चिदानंद साह, आशीष कुमार यादव आदि मौजूद थे।
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