ग्राम समाचार,बौंसी,बांका। दिवाली के दूसरे भी लगने वाले सूर्य ग्रहण का काली पूजा मेला पर व्यापक असर पड़ा। मेला में दोपहर से शाम तक भीड़ तो काफी हुई। लेकिन पूजा करने से लोग वंचित रह गए। तड़के ही मंदिर का पट सूर्य ग्रहण के सूतक काल के कारण बंद कर दिया गया था। जिसे शाम 6:30 बजे सूतक काल खत्म होने के बाद खोला गया। इस दौरान किसी भी महिला पुरुष या भक्तों द्वारा माता काली की पूजा नहीं की जा सकी। साथ ही साथ बाजारों में भी सूतक काल में सामानों की बिक्री खासकर खाने-पीने के सामानों से लोग दूर ही रहे। इससे बाजार में
बिक्री के लिए खाने पीने के सामान की बिक्री भी कम ही हुई। प्रखंड के पुरानी हाट स्थित दुर्गा मंदिर,ऐतिहासिक मधुसूदन मंदिर,मंदार तराई अवस्थित अष्टकमल लक्ष्मी नारायण मंदिर सहित अन्य काली मंदिर में भीड़ के बाबजूद पूजा से लोग वंचित रह गए। इससे महिलाओं में घोर निराशा हुई। साथ ही साथ दूर-दूर से आए श्रद्घालु भी निराश ही दिखे। पांडेय के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल से पूर्व मंदिर के पट को बंद कर दिया जाता है। इस दौरान पूजापाठ और किसी प्रकार का भोजन बर्जित है। और सूतक काल खत्म होते ही मंदिर का पट खोल दिया गया। जिसके बाद फिर लोग आसानी से दर्शन कर सकें।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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