ग्राम समाचार,बौंसी,बांका। ऐतिहासिक मंदार पर्वत को सजाने संवारने का काम जारी है और यहां पर पर्यटकों को लुभाने के लिए रोपवे सहित कई अन्य सुविधाएं को प्रशासन एवं पर्यटन विभाग द्वारा शुरू की गई है।लेकिन मंदार के तलहटी में स्थित पौराणिक पापहरनी सरोवर में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा भगवान के भरोसे हैं।सरोवर में सीढ़ियों पर काई जमी हुई है जिससे फ़िसलन की संभावना रहती है ।दूसरी ओर तालाब में गहराई से संबंधित कोई भी चेतावनी बोर्ड नहीं लगा हुआ है ना ही रस्सी या बांस के सहारे बैरिकेडिंग की गई है। ऐसे में इस सरोवर में स्नान करने पहुंचने वाले श्रद्धालु जब स्नान करने उतरते हैं और गहरे पानी में फिसलने की संभावना रहती है। इस स्थिति में जिन्हें तैरने नहीं आता है उनकी जान पर संकट आ जाता है। सरोवर में इससे बचाव के लिए लाइफ जैकेट,गोताखोर का भी कमी है। शनिवार को स्नान के क्रम में एक 17 वर्षीय युवक एवं उनके फूफा का आसमयिक निधन तालाब में
डूबने की वजह से हो गई थी। बताते चलें कि पूर्व में भी इस सरोवर में डूबने से कई लोगों की मौत हुई है, लेकिन प्रशासन द्वारा सरोवर में सुरक्षा से संबंधित कोई भी इंतजाम स्थायी रूप से नहीं किये जाते हैं ।स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि छठ पर्व या मकर संक्रांति के समय तालाब में बांस लगाया जाता है ।वह भी कुछ समय के बाद हटा लिया जाता है। ऐसे में आम दिनों में तालाब में बैरिकेटिंग नहीं होने की वहज से स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को तालाब की गहराई का अंदाज नहीं मिलता और गहरे पानी मे अचानक चले जाने पर उनकी जान पर बन जाती है। वहीं अगले महीने से शुरू होने वाले श्रावणी मेले को लेकर भी यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने वाली है एवं पापहरनी में अनहोनी होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है । वहीं स्थानीय दुकानदारों एवं आम जनों ने पापहरणी सरोवर में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के सुरक्षा के दृष्टिकोण से गहरे पानी को चिन्हित करते हुए बैरिकेडिंग लगाने एवं जाली लगाने की मांग की है। वही सरोवर के आसपास में शौचालय की सुविधा नहीं मिल पाने की वजह से यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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