Bounsi News: चांदन डैम से गाद नहीं निकालने के कारण किसानों को सिंचाई में हो रही परेशानी

ग्राम समाचार,बौंसी,बांका। बताते चलें कि कृषि प्रधान जिले में पानी का संकट बरकरार है। इस बजह से किसानों में मायूसी का माहौल है। खासकर किसानों के लिए लाइफ लाइन चांदन डैम बरसात के दिनों में भी सूखा पड़ा है। स्पिलवे होने में डैम में 22 फीट पानी की आवश्यकता है। जबकि पिछले वर्ष जून के अंतिम सप्ताह में डैम से छह इंच से लेकर एक फीट तक पानी स्पील होकर नदी में गिर रहा था। इस कारण से चांदन डैम में सैलानियों की भीड़ उमड़ रही थी, लेकिन इस बार डैम के केचमेंट एरिया में वर्षा नहीं होने से डैम का जलस्तर अभी मात्र 479 फीट है। जबकि पानी स्पेल 500 फीट के ऊपर होता है। मालूम हो कि,चांदन डैम फिलहाल वीरान पड़ा हुआ है। इधर, डैम में गाद भरा रहने से किसानों को सुचारु रूप से सिचाई की सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। चांदन डैम से भागलपुर एवं बांका जिले के बौंसी, बांका बाराहाट, रजौन, धोरैया, अमरपुर, गोराडीह, सन्हौला एवं शाहकुंड प्रखंड के 67945 हेक्टेयर की भूमि की सिचाई होती थी। पर गाद के कारण सिचाई क्षमता आधा से भी कम रह गई है। गाद निकालने के लिए कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं विभाग के जल संसाधन मंत्री ने घोषणा की है। पर यह योजना सरकारी कागज तक ही सिमट कर रह गया है। डैम की स्थिति ऐसी हो गई है कि करीब तीन हिस्सों पर गाद जमा हुआ है। गाद की समस्या का समाधान होने से भागलपुर एवं बांका जिले के किसानों को सालों भर सिचाई की सुविधा मिलती रहेगी। मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 

द्वारा गत 19 जून 2018 को चांदन जलाशय निरीक्षण के दौरान जमा सिल्ट को हटाने के निर्देश के बाद पथ निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, भवन निर्माण विभाग एवं एनआइटी पटना के प्रतिनिधियों की जांच समिति गठित की गई थी। जांच समिति के रिपोर्ट के अनुसार जलाशय में डेड स्टोरेज लेवल के ऊपर जमा 79.51 एम.सी.एम. सिल्ट में 45.08 एम.सी.एम.(56.70 प्रतिशत) बालू एवं 34.43 एम.सी.एम.(43.30 प्रतिशत) मिट्टी है। कुछ स्थानों पर 10.50 मीटर या इससे अधिक गहराई तक बालू जमा है। जिसका उपयोग निर्माण सामग्री के रूप में किए जाने की अनुशंसा की गई थी। इसी कड़ी में 20 नवंबर 2019 को चंदन जलाशय का हवाई सर्वेक्षण जल संसाधन विभाग के मंत्री एवं प्रधान सचिव खान एवं भूतत्व विभाग एवं सचिव जल संसाधन विभाग द्वारा की गई थी। खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा अखिलेश किया गया कि चंदन जलाशय के 845.51 हेक्टेयर क्षेत्र से सिल्ट एवं बालू के खनन से विभाग को 447.828 करो रुपये की रायल्टी प्राप्त हो सकती है। इन सब प्रक्रिया के बावजूद भी चांदन जलाशय का गाद निकालने की समस्या फाइलों में ही दो वर्षों से घूम रही है। चांदन जलाशय योजना का कार्य 1962- 63 में प्रारंभ किया गया था। इस योजना के पहले फेज में अंतर्गत निम्न स्तरीय नहर प्रणाली एवं पिकअप बियर का निर्माण कार्य 1964 -65 में तथा फेज दो के अंतर्गत चांदन डैम का निर्माण कार्य 1967-68 एवं उच्च स्तरीय नहर प्रणाली का कार्य 1977-78 में पूरी की गई थी। इस योजनांतर्गत जिले के लक्ष्मीपुर गांव के निकट चंदन नदी पर 1565 मीटर लंबा डैम निर्मित है। जिसमें 162 मीटर स्पिलवे का निर्माण किया गया है। 

कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।

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Editor - कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बाँका,(बिहार)

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