हमारा परिवार संस्था के तत्वावधान में ध्यान साधना सत्संग का कार्यक्रम ‘‘जीवन का मधुर संगीत है भगवदगीता’’ का आयोजन पंजाबी धर्मशाला पर किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि पंजाबी मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान सरदार बलबीर सिंह, पवित्रा प्रतिष्ठान के अध्यक्ष प्रो. अनिरूद्ध यादव, शिक्षाविद एवं समाजसेवी ओमप्रकाश चुघ, संस्था के संयोजक दिनेश कपूर ने कहा कि सीएसडी बिपिन रावत जी महान कर्मयोगी थे। भगवान श्रीकृष्ण ने भगवदगीता में अर्जुन को उपदेश करते हुए कहा कि ‘‘युद्ध कर-इन पापियोंका वध कर दे, यही तेरा क्षत्रियोचित धर्म है। या तो युद्ध में वीर गति को प्राप्त होगा तो तुझे मेरा परमधाम प्राप्त होगा। युद्ध में जीत गया तो धर्म की जय होगी और लोक परलोक में तेरी कीर्ती होगी’’। गीता का यही मूलमंत्र हमारे सर्वोच्च सेनापति के जीवन में था। उन्होंने सीडीएस का पद संभालते ही भारतीय सेना को आत्मनिर्भर बनाया। आधुनिक तकनीक के हथियार अपने देश में बनने लगे। भारतीय सेना विश्व की चैथे नंबर की सर्वश्रेष्ठ सेना बनगयी। चीन को सभी मोर्चो पर पीछे हटना पड़ा।
हम सभी महान वीर की शहादत को नमन करते है। संस्था के सहसंयोजक परवीन ठाकुर, प्राचार्य विजय शर्मा व संस्था के प्रधान अरूण गुप्ता ने कहा कि भगवदगीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कर्म करते रहने व फल की चिंता न करने को कहा है। उसमें स्पष्टता उनका निर्देश है कि अपनी पूरी एकाग्रता अपने कर्म में लगा दे, प्रत्येक काम को ध्यानपूर्वक करें, इससे आपकी शक्ति कई गुना बढ़ जायेगी। संस्था की संरक्षक कमल मखीजा, प्रधान शशी जुनेजा, शिक्षाविद मधु गुप्ता व पार्षद सुचित्रा चांदना ने कहा कि भगवदगीता में सभी वेदों का सार समाया है। इसकी भाषा सरल है। प्रत्येक शब्द में सुंदर संदेश छिपा है। हम सभी अपने घरों में भगवदगीता को पढ़े, बच्चों को सुनायें, इससे परिवार में अच्छे संस्कार बनेंगे। कार्यक्रम में डिप्रेशन, माइग्रेन, हृदयरोग, मधुमेह व थायराइड के लिये लाफ्टर थेरेपी का अभ्यास किया गया। ‘कान्हा की दीवानी बन जाउंगी’ भजन पर सभी ने नृत्यम का आनंद लिया।
कार्यक्रम में अतिथियों को भगवदगीता की पुस्तक भेंट की गई। कार्यक्रम में मुख्यतः समाजसेविका तारा देवी,अशोक जुनेजा, प्रकाश मेहता, शिक्षाविद बलबीर अग्रवाल, कपिल कपूर, देवेन्द्र कुमार, उपप्रधान परवीन गुप्ता, किशोरी नंदवानी, आशा तनेजा, नेहा मेहता, कैप्टन संजन यादव, त्रिभुवन भटनागर, आदर्श राजपाल, राहुल, त्रिलोक चावला, जूही चावला, संस्कृति, सुदर्शन मेंहदीरता, बाला सोनी, सतपाल शास्त्री, प्रो. सीएल सोनी, प्राचार्य राजेंद्र सिंह यादव, दीपचंद्र, सुनीता शास्त्री, सोनम नंदवानी व साथियों ने सहयोग किया।
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