Delhi News : दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में पिछडा वर्ग सम्मेलन आयोजित

दिल्ली। समृद्ध भारत की तरफ से दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में आयोजित पिछडा वर्ग सम्मेलन में प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह भी सैंकडों की संख्या में पिछडा वर्ग के लोगों को साथ लेकर पंहूचे। सम्मेलन में मौजूद सभी अतिथिगणों ने घोषणा पत्र व अपनी मांगों को रखा। कैप्टन अजय सिंह ने सम्मेलन में मांग रखी कि जनगणना जातिय आधार पर हो, ताकि आरक्षण जाति के आधार पर मिल सके। वहीं जातिय जनगणना से प्रत्येक जाति की आर्थिक, समाजिक व शैक्षिक की सही पहचान हो सकेगी। इससे यह होगा कि आरक्षण जिसको मिलना चाहिए उसी को मिलेगा उसके हिस्से का आरक्षण कोई और जाति का नही ले सकेगा। और सरकार के पास पूरा ब्योरा होगा और उसी के आधार पर आरक्षण दिया जा सकेगा। इसके अलावा ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिए एक अलग से मंत्रालय बने। जोकि पिछडे वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाएं। साथ ही बजट में ओबीसी, एस सी औ एस टी वर्ग के उत्थान व विकास के लिए अलग पैसा मिले। यदि जातीय जनगणना हो जाए तो प्रत्येक जाति को उसके हक का पैसा मिल सकेगा। 2011 में जातिय जनगणना हुई थी लेकिन उसकी रिर्पोट सरकार नही दे रही है वहीं 2021 में भी यह करवानी थी जिसको मौजूदा सरकार द्वारा करवाया नही जा रहा है। 



यहां पर अपने संबोधन में कैप्टन अजय सिंह ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीम राव अंबेडकर जी ने पिछडे समुदाय तथा अनुसूचित जातियों और जनजातियों से सामाजिक और शैक्षिक पिछडेपन को दूर करने के लिए आरक्षण लागू किया था। लेकिन अब बाबा साहेब के सपने को सरकार द्वारा तोडा जा रहा है और आरक्षण का सही हक मिलने से ओबीसी वर्ग के लोगों को वंचित किया जा रहा है। इसलिए अब सभी को शिक्षित होकर संगठित रहकर संघर्ष करना पडेगा जोकि बाबा साहेब का नारा था। ओबीसी वर्ग की नौकरी व शिक्षा के आरक्षण में सरकार द्वारा क्रीमी लेयर लगाई हुई है। जिसके अंर्तगत केंद्र सरकार ने 8 लाख रूपये जबकि प्रदेश सरकार ने मात्र 6 लाख रूपये सालाना आय पर क्रीमी लेयर लगा दिया है। हरियाणा सरकार द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। दोनों सरकारों द्वारा क्रीमी लेयर को हटाया जाए या फिर इसको 8 लाख से बढाया जाए। क्योंकि सालाना 6 लाख में तो मात्र फोरथ क्लास के कर्मचारी ही आते हैं, क्रीमी लेयर लगने से नौकरियों और शिक्षा में ओबीसी वर्ग की सीटें खाली रह जाती हैं। इसके अलावा बैक लॉग को भी भरा जाए 1997 से। 
श्री यादव ने कहा कि नेशनल पार्टियों द्वारा ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लोगों को नकारा जाता है इसलिए ही क्षेत्रिय पार्टियों का जन्म हुआ है, इसलिए नेशनल पार्टियों को ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लोगों का ध्यान रखना चाहिए। वहीं अन्य रेजीमेंटों की तरह अहीर और गुर्जर रेजिमेंट भी बननी चाहिए क्योंकि सभी युद्धों में अहीर और गुर्जर समाज के बहूत से जवानों ने भागीदारी ली और देश की रक्षा करते हुए शहीद भी हुए हैं।श्री यादव ने मंडल कमीशन लागू करने की भी मांग रखी। 
उन्होंने कहा कि न्याय पालिका में ओबीसी, एस सी और एस टी वर्ग की भागीदारी बहूत कम है। न्याय पालिका में भी नौकरी के लिए ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग को आरक्षण दिया जाए, क्योंकि सबसे ज्यादा प्रताडित भी ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लोगों को किया जाता है। न्याय पालिका में संख्या कम होने की वजह से प्रमोशन भी नही हो पाते।
श्री यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में पंचयती राज में आरक्षण खत्म कर दिया, जोकि असैंधानिक है। यह एक षडयंत्र है आरक्षण को खत्म करने का, कुछ पूंजीपति और सरकार की मिली भगत से नीजी करण किया जा रहा है जैसे कि एल आई सी, बी एस एन एल, बहल, रेलवे, बैंक इत्यादि का नीजीकरण ही इसलिए किया जा रहा है ताकि आरक्षण को खत्म किया जा सके। इसके लिए सुर्पीम कोर्ट में पेटिशन डालनी चाहिए। मैं तो यह कहता हूं कि न्याय पालिका, लेजिस्लेटिव और पार्लियामेंट में भी आरक्षण होना चाहिए। प्राईवेट सैक्टर में भी आरक्षण मिले। ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लोगों को ठेके की नौकरी की बजाय पक्की नौकरी दी जानी चाहिए। ओबीसी, एस सी औ एस टी वर्ग की महिलाओं को भी अलग से आरक्षण मिले। हमारे समाज की महिलाएं बहूत पीछे हैं उनको भी बराबरी का हक मिलना चाहिए। 
इस मौके पर छगन भुजबल मंत्री महाराष्ट्र सरकार, डी राजा महासचिव सीपीआई, सांसद श्याम सिंह यादव, पुष्पराज, गुरूदीप सप्पल ने भी सम्मेलन को संबोधित कर अपने-अपने विचार रखे।
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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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