वीर भगतसिंह युवा दल के तत्वावधान में गुरू नानक देव जी के प्रकट उत्सव के उपलक्ष्य में उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया गया। गुरूद्वारा सिंह सभा बारा हजारी के प्रधान सरदार प्रीतपाल सिंह निक्का, ग्रंथी ज्ञानी मिलाप सिंह व संस्था के प्रधान दिनेश कपूर ने कहा कि गुरू नानक देव जी के पिता कालूराम मेहता ने इन्हें 35 रूपये देकर व्यापार करने के लिये भेजा। वे अपने साथी बाला और मरदाना के साथ दूसरे नगर में पहुंचे। वहां उन्होंने बहुत से दीन दुखियों को भूख से व्याकुल देखा। उनका साधु हृदय पसीज गया। उन्होंने पिता द्वारा दी गई राशि से लंगर शुरू कर दिया। कई दिनों तक सभी ने भरपेट भोजन कर आनंद लिया। जब वो खाली हाथ घर लोटे तो उनके पिता ने उनसे पूछा कि कौनसा व्यापार किया। गुरू नानक देव जी ने बड़ी सहजता से कहा-मैंने सच्चा सौदा किया है जो लोक परलोक में साथ चलने वाला है। उनके इस उदाहरण से आज पूरी दुनिया में गुरूद्वारों में व अन्य स्थानों पर 24 घंटे लंगर की सेवा चलती है। कहा कि जब वो अपने साथी बाला मरदाना के साथ मक्का पहुंचे वो एक स्थान पर विश्राम करने के लिए लेट गये।
वहां के मोलवी उनके पास पहुंचे और कहा कि आप अपने पैर दूसरी दिशा में कर लें। क्योंकि इस दिशा में हमारा तीर्थ मक्का है। गुरू जी ने सहजता से कहा कि मेरे पैर उस दिशा में कर दों जिधर मक्का न हो। उन्होंने गुरू नानक जी के पैर दूसरी दिशा में कर दिये। वहां उपस्थित सभी लोग आश्चर्य चकित रह गये, देखकर कि मक्का भी उसी ओर घूम गया। वो सभी गुरू नानक देव जी के चरणों में गिर पड़े। गुरू नानक जी ने उस समय के अंधविश्वास के विरोध में लोगों को जागरूक किया। युवा दल की ओर से प्रधान प्रीतपाल सिंह निक्का व ज्ञानी मिलान सिंह कोगुरू जी का स्वरूप व प्रशिस्त पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्यतः पंडित नरेंद्र जोशी, उपप्रधान परवीन ठाकेुर, किशोरीलाल नंदवानी, नंदलाल ढींगरा, परवीन गुप्ता, महिला प्रधान दीपा भारद्वाज, उपप्रधान शशी जुनेजा, विजय चैहान, सुरेखा ढींगरा, सुनीता नंदवानी व सुनीता आर्य व नीरू कौशिक ने सहयोग किया।
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