प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणा के बावजूद भी रेवाड़ी के मनेठी गांव में एम्स का निर्माण शुरू नहीं होने के कारण इलाके में भारी रोष है. रेवाड़ी के मनेठी गाँव में 2 साल पहले पीएम की ओर से की गई घोषणा के बावजूद भी परियोजना सिरे नहीं चढ़ पाई है एम्स का शिलान्यास नहीं होने से नाराज एम्स संघर्ष समिति मनेठी ने आज लघु सचिवालय पहुंचकर जिला उपायुक्त से मुलाकात की और मुख्यमंत्री के नाम डीसी को ज्ञापन सौंपा. समिति की ओर से राजेंद्र सिंह और राजेंद्र यादव ने कहा कि माजरा गांव में प्रस्तावित ऐम्स को लेकर किसानों द्वारा भूमि दिए जाने के बाद जिला स्तर पर औपचारिकताएं पूर्ण करने में 15 महीने का समय लगने से ग्रामीणों में रोष है इसी को लेकर एम्स संघर्ष समिति मनेठी द्वारा समिति के सचिव ओमपकाश सेन के नेतृत्व में आज जिला उपायुक्त से मुलाकात की गई और सीएम के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया कि माजरा गाँव के किसानों द्वारा ई-भूमि पोर्टल पर 333 एकड़ जमीन माजरा में और 36 एकड़ जमीन भालखी गाँव के किसानों ने चढ़ा दी थी जब एम्स के लिए किसानों ने अपनी भूमि सरकार को दे दी है तो फिर सरकार किसानों को उनकी जमीन मुआवजा राशि देने में व जमीन अपने नाम कराने में इतना समय क्यों लगा रही है. समिति द्वारा आज 12 अक्टूबर को उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया साथ ही चेतावनी दी है कि अगर 31 अक्टूबर तक किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा देकर जमीन सरकार अपने नाम नहीं करवाती है तो नवंबर माह में होने वाली मासिक बैठक में बड़े संघर्ष का ऐलान किया जाएगा. यहां हम आपको बता दें कि मनेठी गांव में एम्स बनाने की मांग को लेकर साढ़े 04 महीने तक धरना-प्रदर्शन और आंदोलन किया गया था. जिसके बाद सरकार तक इसकी आवाज पहुंची और पीएम मोदी ने कुरुक्षेत्र की एक जनसभा में मनेठी गांव में एम्स बनाने की घोषणा की थी. लेकिन मनेठी की जमीन अरावली वन क्षेत्र में आने के कारण वहां पर एम्स का निर्माण नहीं हो पाया जिसके बाद यह प्रोजेक्ट निकटवर्ती गांव माजरा के लिए स्थानांतरित किया गया और अब माजरा गांव के ग्रामीणों ने भी अपनी जमीन सरकार के ई-भूमि पोर्टल पर अपलोड कर दी है किसी भी करीब डेढ़ साल का समय बीत गया हैं लेकिन अभी तक सरकार की ओर से न तो किसानों को मुआवजा दिया गया है और ना ही जमीन अपने नाम की गई है जिससे नाराज ऐम्स संघर्ष समिति मनेठी के सदस्य बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ उप तहसील मनेठी में एकत्रित होकर रेवाड़ी लघु सचिवालय पहुंचे और सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जल्द इस परियोजना पर काम शुरू करने की मांग की. एम्स संघर्ष समिति मनेठी ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि 31 अक्टूबर तक का समय दिया जाता है अगर प्रशासन और सरकार की ओर से पोर्टल पर अपलोड की गई जमीन का मुआवजा उन्हें नहीं दिया गया और एम्स का निर्माण शुरू नहीं किया गया तो दोबारा से उसी अंदाज में संघर्ष के साथ बड़ा आंदोलन किया जाएगा. उपायुक्त यसइंदर सिंह की ओर से समिति को जल्द ही सभी जमीन मालिकों को मुआवजा दिए जाने और सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन दिया है.
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