सनातन धर्मरक्षक गुर्जर प्रतिहार राजवंश के महान सम्राट मिहिर भोज की जयंती भादो मास शुल्क पक्ष तृतीय तीज वीरवार के दिन गुर्जर समाज रेवाड़ी द्वारा गुर्जर धर्मशाला में धूम धाम से मनाई गई। जिसमे कैलाश चन्द्र सिराधना व कर्नल जी.आर चौकान ने ज्योति प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया व गुर्जर समाज के सरदारों ने सम्राट मिहिर को याद किया व अपने विचार समस्त समाज के सामने रखे अशोक पहलवान व राजेश सरपंच ने बताया कि मिहिर भोज प्रतिहार अथवा भोज प्रथम गुर्जर प्रतिहार राजवंश के राजा थे इन्होंने ४९ वर्ष तक राज्य किया था इनका साम्राज्य अत्यन्त विशाल था.
मिहिर भोज विष्णु भगवान के भक्त थें तथा कुछ सिक्कों में इन्हे 'आदि वराह' भी माना गया है सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार कन्नौज के शाशक थे मिहिर भोज ने 836 ईस्वीं से 885 ईस्वीं तक 49 साल तक राज किया मिहिरभोज के साम्राज्य का विस्तार आज के मुलतान से पश्चिम बंगाल तक और कश्मीर से कर्नाटक तक फैला हुआ था इस अवसर पर राम सिंह सरपंच, चरण सिंह, बनी सिंह, रामुतार चेयरमैन, राजपाल सरपंच, कृष्ण तौंगड, धर्मेन्द्र खटाना, संतराम , पदम चेयरमैन, गुरुबचन, जग्गी सिराधना, भारत सिंग तौंगड, रहोताश सिराधना, डॉ बीटू, झोरीलाल, रामु सिराधना, एडवोकेट शेर सिंह, ओमप्रकाश अधाना, अमर पाल खटाना, एडवोकेट हिमांशु सिराधना, परवीन, संजय, डॉ कालूराम, विपिन, गोरधन, मूलचंद, राम निवास, राजपाल, अमीराम, महेंद्र बेदी, धर्मबीर आदि मौजूद रहे।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें