बावल शहर स्थित शहीद स्मारक पर बावल क्षेत्र के युवाओं ने सत्येंद्र झाबुआ नेतृत्व में आजादी के मतवाले महान क्रांतिकारी शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह , शहीद राजगुरू,शहीद सुखदेव की प्रतिमाओं पर पुष्प एवं माल्यार्पण कर शहीदे आजम भगत सिंह जी 114 वी जयंती मनाई ।
सत्येंद्र झाबुआ ने कहा कि शहीद भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव ने जिस उद्देश्य से आजादी की लड़ाई के लिए संघर्ष किया और हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर लटक गए। उनके सपने को पूरा करने के लिए हमें जन-जन तक उनके आदर्शों को पहुंचाना होगा।
सत्येंद्र झाबुआ ने कहा कि आज जो हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं यह उन महान क्रांतिकारियों के बलिदान की बदौलत है जिन्होंने अपने व अपने परिवार की प्रवाह नहीं करते हुए राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए प्राणों को न्यौछावर कर दिया ।
उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को इन महान क्रांतिकारियों के बलिदान से प्रेरणा लेकर हमेशा राष्ट्र हित और समाज हित को सर्वोपरि रखना चाहिए। राष्ट्र के लिए हमेशा त्याग की भावना होनी चाहिए। युवाओं को अपने शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए नशे में कुरीतियों से दूर रहना चाहिए ।
** समाजसेवी एडवोकेट रामकिशन महलावत ने कहा कि शहीद भगत सिंह एक महान क्रांतिकारी होने के साथ-साथ बहुत बड़े विचारक व चिंतक भी थे। वह हमेशा धर्म मजहब जैसी सामाजिक कुरीतियों से ऊपर उठकर केवल सशक्त राष्ट्र निर्माण के लिए गरीब, किसान, मजदूर, शोषित वर्ग के उत्थान की बात करते थे।
उन्होंने कहा कि भगत सिंह हमेशा कहा करते थे कि क्रांति की तलवार कि धारण केवल विचारों से तेज हो सकती है। वह एक शिक्षित सभ्य समाज की परिकल्पना करते थे।
अमर शहीद भगत सिंह की जीवनी और उनके द्वारा लिखे लेखों से प्रेरणा लेकर उनके शोषणहिन समाज बनाने के सपने को पूरा करना होगा। इसके अलावा समाज में परिवर्तन की लहर बनानी होगी जिससे अच्छे समाज का निर्माण हो सके।
*** राजू चौधरी ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह के विचारों को आम जीवन में अपनाने की बात रखी और कहा कि जब तक हम भगत सिंह के विचारों को अपनाकर सामाजिक उत्थान महिलाओं का सम्मान नहीं करते तब तक उनको श्रधांजली पूर्ण नहीं हो सकती । क्योंकि आज का हमारा समाज महिलाओं, किसानों, बेरोजगारी से संबंधित अनेक समस्याओं से पीड़ित है। युवा वर्ग भगत सिंह की विचारधारा को अपनाकर ही इन समस्याओं का सामना कर सकता है।
इस अवसर पर नवीन महलावत, जल्दीप शेखपुर, रविंद्र खेड़ा मुरार , मोनू खेड़ा मुरार , मोनू बावल , जय कुमार तिहाडा , प्रदीप पनवाड़ , भीम रानोली , अजय चौकन , मोनू फोगाट सहित अनेक युवा मौजूद रहे ।
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