रेवाड़ी, 5 अगस्त। उपायुक्त यशेन्द्र ङ्क्षसह ने बताया कि खरीफ 2020 में किसानों द्वारा फसल खराब होने पर कृषि विभाग में शिकायतें दर्ज कराई गई थी। इन शिकायतों पर बीमा कम्पनी द्वारा प्राकृतिक आपदाओं से फसलों में हुए नुकसान का खेतों में जाकर नुकसान का जायजा लेकर संबंधित 3223 किसानों का समाधान करते हुए 1 करोड 21 लाख 10 हजार रूपए किसानों के खाते में डाले गएं, जिसमें कपास फसल की 2003 शिकायतों के समाधान के संबंध में 79 लाख 2 हजार किसानों के खाते में डाले गए। इसके साथ बीमा कम्पनी द्वारा औसत पैदावार के आधार पर 16326 किसानों के खातों में 21.81 करोड रूपए तथा इसमें कपास फसल की औसत पैदावार के आधार पर 12 हजार 483 किसानों को 20.86 करोड़ रूपए बैंक खाते में डाले गए।
उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा योजना चलाई हुई है, जिसके माध्यम से किसान का पंजीकरण, फसल का पंजीकरण, खेत का ब्यौरा व फसल का ब्यौरा तथा किसानों के लिए एक ही जगह पर सारी सरकारी सुविधाओं की उपलब्धता व समस्या निवारण के लिए एक अनूठा प्रयास किया जा रहा है।
डीसी ने बताया कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा योजना के तहत कृषि संबंधित जानकारियां समय पर उपलब्ध करवाना और खाद्य, बीज, ऋण व कृषि उपकरणों की सब्सिडी समय पर उपलब्ध करवाना तथा फसल की बिजाई-कटाई का समय व मंडी संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाना, प्राकृतिक आपदा-विपदा के दौरान सही समय पर सहायता दिलाना मुख्य उद्देश्य है।
यशेन्द्र सिंह ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर, जमीन का खसरा नंबर, परिवार पहचान-पत्र का होना जरूरी है। किसान यह पंजीकरण स्वयं या किसी भी सीएससी केंद्र पर करवा सकते है।
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