ग्राम समाचार, भागलपुर। भारत बचाओ मजदूरों-किसानों का अधिकार बचाओ अभियान के अंतिम दिन अगस्त क्रांति दिवस पर सोमवार को ऐक्टू व ऑल इण्डिया किसान महासभा (एआईकेएम) ने मोदी सरकार की कम्पनी राज के खिलाफ भागलपुर कलक्ट्रेट के समक्ष प्रतिवाद प्रदर्शन किया। मौके पर बड़ी संख्या में मजदूरों-किसानों ने एकजुट होकर कचहरी परिसर में झंडे, बैनर व मांग पट्टिकाओं से सुसज्जित मार्च निकाला। तीनों कृषि काला कानून व मजदूरों के गुलामी के चारों लेबर कोड वापस लो, महंगाई-बेरोजगारी व छंटनी-वेतन कटौती पर रोक लगाओ, एमएसपी को कानूनी दर्जा दो, यूएपीए जैसे सभी दमनकारी-काले कानून रद्द करो आदि नारों को बुलंद करते हुए कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर पहुंचे। मार्च को आता देख वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने गेट बंद कर दिया तो मजदूर-किसानों ने वहीं मुख्य कलेक्ट्रेट गेट पर प्रतिवाद प्रदर्शन करते हुए सभा की। प्रतिवाद प्रदर्शन का नेतृत्व ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसके शर्मा, राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त, एआईकेएम के जिला सचिव बिंदेश्वरी मंडल व जिला उपाध्यक्ष रणधीर यादव ने किया। प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए ऐक्टू व एआईकेएम के नेतृत्वकारी ने मोदीशाही के चंगुल से भारत को मुक्त करने और मोदी के कम्पनी राज को उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए कहा कि मोदी सरकार बिल्कुल तानाशाही चला रही है। तमाम राष्ट्रीय सम्पतियों व पब्लिक सेक्टर यूनिट्स को अपने आका अम्बानी-अडानी के हवाले कर रही है। कमजोर तबकों पर लगातार हमले हो रहे है। सामाजिक कमजोरों व महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के करीब 7 वर्षों में मोदी सरकार ने सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण - भगवाकरण करने, राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने के साथ ही तीन कृषि कानून व चार लेबर कोड बनाकर किसानों-मजदूरों को कोटपोरेट गुलामी की ओर धकेला है। पेगासस जासूसी और यूएपीए जैसे दमनकारी कानून के माध्यम से देश में नागरिक अधिकारों का हनन कर रही है। लोकतंत्र व संविधान को कमजोर कर फासीवाद के रास्ते, देश को पूंजीपतियों-कॉरपोरेटों का गुलाम बनाने की कोशिश में लगी हैं। प्रतिवाद प्रदर्शन में मुख्य रुप से एस के शर्मा, बिंदेश्वरी मंडल, मुकेश मुक्त, पुरुषोत्तम दास, रेणु देवी, गौरीशंकर, रणधीर यादव, अमर कुमार, बुधनी देवी, राजेश कुमार दास, मो. मुमताज, आशुतोष यादव, राधेश्याम रजक, प्रवीण कुमार पंकज, अनिल कुमार मंडल, शशिभूषण मंडल, प्रवीण कुमार, दीपक कुमार, शंकर तांती, विजय साह, रंजीत सिंह, मो. मुबारक, गोपाल चौधरी आदि शामिल हुए।
Bhagalpur News:अगस्त क्रांति दिवस पर ऐक्टू व एआईकेएम ने कलक्ट्रेट पर किया प्रतिवाद प्रदर्शन
ग्राम समाचार, भागलपुर। भारत बचाओ मजदूरों-किसानों का अधिकार बचाओ अभियान के अंतिम दिन अगस्त क्रांति दिवस पर सोमवार को ऐक्टू व ऑल इण्डिया किसान महासभा (एआईकेएम) ने मोदी सरकार की कम्पनी राज के खिलाफ भागलपुर कलक्ट्रेट के समक्ष प्रतिवाद प्रदर्शन किया। मौके पर बड़ी संख्या में मजदूरों-किसानों ने एकजुट होकर कचहरी परिसर में झंडे, बैनर व मांग पट्टिकाओं से सुसज्जित मार्च निकाला। तीनों कृषि काला कानून व मजदूरों के गुलामी के चारों लेबर कोड वापस लो, महंगाई-बेरोजगारी व छंटनी-वेतन कटौती पर रोक लगाओ, एमएसपी को कानूनी दर्जा दो, यूएपीए जैसे सभी दमनकारी-काले कानून रद्द करो आदि नारों को बुलंद करते हुए कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर पहुंचे। मार्च को आता देख वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने गेट बंद कर दिया तो मजदूर-किसानों ने वहीं मुख्य कलेक्ट्रेट गेट पर प्रतिवाद प्रदर्शन करते हुए सभा की। प्रतिवाद प्रदर्शन का नेतृत्व ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसके शर्मा, राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त, एआईकेएम के जिला सचिव बिंदेश्वरी मंडल व जिला उपाध्यक्ष रणधीर यादव ने किया। प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए ऐक्टू व एआईकेएम के नेतृत्वकारी ने मोदीशाही के चंगुल से भारत को मुक्त करने और मोदी के कम्पनी राज को उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए कहा कि मोदी सरकार बिल्कुल तानाशाही चला रही है। तमाम राष्ट्रीय सम्पतियों व पब्लिक सेक्टर यूनिट्स को अपने आका अम्बानी-अडानी के हवाले कर रही है। कमजोर तबकों पर लगातार हमले हो रहे है। सामाजिक कमजोरों व महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के करीब 7 वर्षों में मोदी सरकार ने सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण - भगवाकरण करने, राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने के साथ ही तीन कृषि कानून व चार लेबर कोड बनाकर किसानों-मजदूरों को कोटपोरेट गुलामी की ओर धकेला है। पेगासस जासूसी और यूएपीए जैसे दमनकारी कानून के माध्यम से देश में नागरिक अधिकारों का हनन कर रही है। लोकतंत्र व संविधान को कमजोर कर फासीवाद के रास्ते, देश को पूंजीपतियों-कॉरपोरेटों का गुलाम बनाने की कोशिश में लगी हैं। प्रतिवाद प्रदर्शन में मुख्य रुप से एस के शर्मा, बिंदेश्वरी मंडल, मुकेश मुक्त, पुरुषोत्तम दास, रेणु देवी, गौरीशंकर, रणधीर यादव, अमर कुमार, बुधनी देवी, राजेश कुमार दास, मो. मुमताज, आशुतोष यादव, राधेश्याम रजक, प्रवीण कुमार पंकज, अनिल कुमार मंडल, शशिभूषण मंडल, प्रवीण कुमार, दीपक कुमार, शंकर तांती, विजय साह, रंजीत सिंह, मो. मुबारक, गोपाल चौधरी आदि शामिल हुए।
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