सहकारिता मंत्री डॉ बनवरीलाल ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष, महान राष्ट्रभक्त, प्रखर शिक्षाविद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 68वें बलिदान दिवस के अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों की ओर से उनकी स्मृतियों को नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की हैं। सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश की एकता और अखंडता का जो पाठ श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने पढ़ाया था, आज वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र व प्रदेश सरकार चरितार्थ करते हुए दिखाई दे रहा है।एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना आज साकार हो रही है, यही डॉ. मुखर्जी के प्रति भारत की विनम्र श्रद्धांजलि है। एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगे, का नारा देकर जम्मू कश्मीर के सर्वांगीण विकास हेतु अनुच्छेद 370 और 35A को समाप्त करने की प्रेरणा का बीजारोपण करने वाले जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
रेवाड़ी मंडल ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मंडल अध्यक्ष दीपक मंगला जी की अध्यक्षता में मनाया गया । इस कार्यक्रम में मंडल प्रभारी सुनील ग्रोवर जी,जिला उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता जी, पार्षद राजेंद्र सिंघल जी, मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में सुनील ग्रोवर जी ने डॉ श्यामा प्रसाद जी के जीवन पर प्रकाश डाला व पार्टी की रणनीति के बारे में बताया। भूपेंद्र गुप्ता जी ने कश्मीर और बंगाल के इतिहास पर प्रकाश डाला, इस कार्यक्रम के बाद पूरे मंडल की टीम और अतिथियो ने पौधारोपण किया। इस कार्यक्रम में मण्डल महामंत्री दीपक नहाडिया , मंडल उपाध्यक्ष प्रेम राज जी, कैलाश चंद्र जांगिड़ जी, मंडल सचिव गिरीश कांत सिंगला, सुरेखा धीगड़ा, बिंदु गुप्ता, नंदलाल धींगडा, विनोद गुप्ता, अरुण गुप्ता श्री किशन अग्रवाल जगराम दिलीप शास्त्री अशोक कुमार अजय अग्रवाल रोशनलाल नितिन गुप्ता , निहाल सिंह विकास कुमार अनिल गुप्ता राजेश सैनी डीएम यादव चित्र कुमार सभरवाल गजेंद्र आदि पार्टी के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के शिल्पी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने के पक्षधर थे। वें मानते थे कि विकास में जनभागीदारी के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने सत्ता की लालसा नहीं बल्कि राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के ध्येय को लेकर जनसंघ की स्थापना की। डॉ मुखर्जी ने देश की अस्मिता व अखंडता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने भारत का पुनः विभाजन होने से बचाया। उनका त्याग, समर्पण और उनके आदर्श युग-युगांतर तक आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे। ऐसे अभिजात देशभक्त के बलिदान दिवस पर उन्हें कोटिशः नमन।
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