ग्राम समाचार,बौंसी,बांका।
बिहार के पहले काॅमर्शियल राईटर मंदार पुत्र इकबाल दुर्रानी ने उर्दू पत्रकारिता से अपना तेवर दिखाना शुरू किया था जो आगे चलकर सिनेमा जगत में एक से बढ़कर एक कोहराम मचानैवाला स्क्रिप्ट लिखा । फूल और काॅटे से लोग इन्हें बेपनाह चाहने लगे । इन्होंने इन्डस्ट्रीज में 80 से अधिक फिल्में लिखी और कई फिल्मों का निर्देशन किया । कालचक्र इनकी पहली फिल्म थी जिनके लिये इन्हें स्वर्णकमल एवार्ड मिला था ।इस फिल्म ने इनकी पहचान सलीम जावेद ,
कादर खान के बाद धांसू डायलाॅग राईटर के रूप में स्थापित किया ।उन्होंने खोज, मेरा शिकार ,बेनाम बादशाह, आज की औरत, गोपाला, क्षत्रिय, रोटी की कीमत, परदेशी ,जहर, जहरीला, शेषनाग ,कोहराम, जवानी की प्यास , आदमखोर , बेताज बादशाह , फूल और काॅटे , धरतीपुत्र , मिट्टी , दुकान , सौगंध , खुद्दार , जैसी सफल फिल्मों की लंबी फेहरिश्त हैं । अपने इकलौते बेटे मशाल दुर्रानी को लेकर उन्होंने " हम तुम दुश्मन दुश्मन " फिल्म बनायी जो काफी सफल रही ।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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