रेवाड़ी, 25 मार्च। बोर्ड की परिक्षाओं में बेहतर परिणाम लाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार व मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी डॉ मृदुला सूद ने जिले के स्कूलों का दौरा करके शिक्षा में सुधार लाने के लिए रणनीति बनाई है। जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि बेहतर परिणाम के लिए 4 स्तरीय कमेटी बनाकर कार्य शुरू कर दिया गया है, जिनमें जिला स्तरीय कमेटी, ब्लाक स्तर, स्कूल मुख्यिा स्तर व कक्षा अध्यापक अपने-अपने स्तर पर इसके लिए कार्य करेगें। उन्होंने बताया कि 1400 अध्यापकों द्वारा कमजोर विषय वाले बच्चों पर फोकस किया जाएगा। इसके लिए विषयवार जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने बताया कि विषय विशेषज्ञ अध्यापक द्वारा विषयवार सैंपल पेपर तैयार किए जाएगें तथा बोर्ड के पिछले पांच सालों के पेपर के आधार पर तैयारी करवाई जाएगी ताकि परिक्षाओं में बच्चों को कोई परेशानी न आए इसके लिए बच्चों को मोटिवेट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन स्कूलों का बोर्ड की परिक्षाओं में परिणाम 20 प्रतिशत, 20-40 प्रतिशत और 40 से उपर आ रहा है उन स्कूलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी डॉ मृदुला सूद ने बताया कि बावल खण्ड के शिक्षकों को बोर्ड परीक्षा के अभ्यास के लिए अधिक केंद्रीकृत दृष्टिकोण की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्कूल मुख्यिा यह सुनिश्चित करेंगे कि स्कूल का प्रत्येक बच्चा वास्तविक बोर्ड का सामना करने से पहले प्रत्येक विषय के पिछले 4-5 वर्षों के पेपरों को अच्छी तरह से पढ़े। शिक्षकों को सलाह दी गई है कि कक्षा में पेपर पर चर्चा करें और उसी पेपर से कठिन प्रश्नों को आवंटित करके उसको होम वर्क के रूप में दें। स्कूल मुखिया अपने स्कूल स्तर पर प्रगति की बारीकी से निगरानी करें, साथ ही, सभी 55 एबीआरसी उनके संबंधित स्कूलों के लिए डिजिटल रिकॉर्ड बनाएं, इसके लिए एक वेबिनार भी आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि जिले में जटिल अभ्यास को सक्षम करने की आवश्यकता है।
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