ग्राम समाचार,चांदन,बांका।
जानकारी के अनुसार चांदन प्रखंड के आशा कार्यकर्ताओं को बिहार सरकार द्वारा पारित की गई पारितोषिक राशि ₹1000 प्रति महीने के हिसाब से भुगतान करने के संबंध में 4 महीने की भुगतान की गई ज्ञात हो कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाली एवं 2020 के कोरोना काल में घर-घर सर्वे कर अपने जान जोखिम में डालकर कोरोना युद्ध की उपाधि लेने वाली आशा कार्यकर्ता को अपने काम की उम्मीद जगी। ज्ञात हो कि अपने हक के लड़ाई हुई एवं बिहार राज्य जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले विगत 6 दिसंबर से लगातार 7 जनवरी 2019
तक हड़ताल धरना प्रदर्शन करती हुई सरकार की जुल्मो का डटकर मुकाबला की थी। अंत में सरकार को झुकना पड़ा। जिसे देखते हुए सरकार ने ₹1000 मानदेय देने की बात कही थी जिसे बदल कर पारितोषिक के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। और इसे 9 अगस्त 2019 से 1000 रुपया प्रति महीने के हिसाब से बजट पारित किया गया। जिसे देखते हुए सभी प्रखंडों में राशि आवंटन मुहैया कराया गया। जिसे ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन के हिसाब से बांका जिले के प्रखंड वार में कहीं 2 महीने कहीं 3 महीने कहीं 4 महीने के हिसाब से पारितोषिक राशि
₹1000 भुगतान की गई जिसमें चांदन प्रखंड के समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चांदन की आशा कार्यकर्ताऔं के अकाउंट में आरबीआई के माध्यम से 3000 ₹742 भुगतान की गई। प्रथम बार भुगतान होने से आशा कार्यकर्ताओं में खुशी देखी गई एवं बिहार राज्य जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के संचालक को साधुवाद दिया। साथ में आशा कार्यकर्ता ने बताया कि हम आशा कार्यकर्ताओं के साथ सरकार ने वादाखिलाफी किया है मेरा जंग जारी है जारी रहेगी।
उमाकांत साह, ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन,बांका।
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