Rewari News : सोमाणी कॉलेज में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती देशप्रेम दिवस के रूप में मनाई गई



ग्राम समाचार न्यूज : रेवाड़ी : सोमाणी कॉलेज में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती देशप्रेम दिवस के रूप में मनाई गई प्रोफेसर राजपाल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल संगवाडी ने अपने उद्बोधन में कहा तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा जय हिंद जैसे नारों से आजादी की लड़ाई को ऊर्जा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 125 वीं जयंती है नेताजी भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हैं जिनसे आज के दौर के युवा वर्ग प्रेरणा लेता है रतनलाल ने गवर्नमेंट स्कूल बीकानेर कहां नेता जी का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा बंगाल डिवीजन के कटक में हुआ था बोस के पिता जी का नाम जानकी बॉस और माताजी का नाम प्रभावती था उनके पिता जी शहर के मशहूर वकील थे 1920 में नेताजी ने इंग्लैंड से सिविल सर्विस परीक्षा पास की लेकिन भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में हिस्सा लेने के लिए उन्होंने जॉब छोड़ दी अंग्रेजों से देश आजाद कराने के लिए वह भारतीय कांग्रेस के साथ जुड़ गए जलियांवाला बाग हत्याकांड की घटना से वह काफी प्रभावित थे नेताजी का मानना था कि अंग्रेजों को बाहर से जुड़ने के लिए सशक्त क्रांति की आवश्यकता है अंग्रेजों से भारत को आजाद कराने के लिए 21 अक्टूबर 1943 को को आजाद हिंद सरकार की स्थापना करते हुए आजाद हिंद फौज का गठन किया इसके बाद नेताजी 4 जुलाई 1944 को बर्मा ( अब म्यामार) में पहुंचे और उन्होंने नारा दिया तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा आजादी की लड़ाई में नेताजी कई बार जेल भी गए संस्था के डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर अमित कुमार ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी और भारत माता के सच्चे सपूत को उनकी जन्म जयंती पर शत-शत नमन कृतज्ञ राष्ट्र देश की आजादी के उनके त्याग और समर्पण को देश सदा याद रहेगा वाइस चेयरमैन अधिवक्ता विशाल सोमाणी ने बताया की नेताजी के साथ गांव खोल गाव के आई एन ए के मेजर सूरजमल जिनको नेताजी ने सरदार ए जग का खिताब दिया था उल्लेखनीय है कि खोल गांव से ही सिविल मूवमेंट का नेतृत्व ठाकुर राम सिंह, स्वतंत्रता सेनानी आरडी सोमाणी, पंडित राधेश्याम शर्मा, व अन्य  लोग करते थे वही मेजर सूरजमल की अगुवाई में लुखी गांव व खोल के अन्य स्वतंत्रता सेनानी अलग-अलग मुहिम चलाते थे ऐतिहासिक संजोग है कि खोल गांव से ही दोनों नेता अलग-अलग विचारधारा के होते हुए भी आपस में सीधा तार तम्य था.

मेजर सूरजमल नेता जी के करीबी होने के कारण उन्हें तीन देश की फोज ट्रंप की कमांड में बर्मा की धरती पर ,जापान ,भारत की खोज की कमांड सेकंड वर्ल्ड वार में की! जिसमें गोली लगने से एक फेफड़ा खत्म हो गया मेजर साहब को जीवन भर एक ही फेफड़े के साथ बाकी जीवन जीना पड़ा इस मौके व्याख्याता सुधीर कुमार गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल संगवाडी, डॉ धर्मपाल गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक लिसाना, डॉ सुरेंद्र, डॉ दीपक कुमार आइजीयू, प्रिंसिपल फार्मेसी कॉलेज सीमा, शिवानी एच ओ डी, सुमित एच ओ डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी, मोहनदास सुमन प्रोफेसर, निधि प्रोफेसर आदि मौजूद रहे.

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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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