Jamshedpur News: संताली परम्परागत गोट वोंगा सम्पन्न के साथ हुई सोहराई पाराब की शुरुआत।

 

ग्राम समाचार संवाददाता, जमशेदपुर: संताल आदिवासी समुदाय में पांच दिन तक चलने वाली  सोहराई पाराब का प्रथम दिन आज गोट बोंगा के साथ सम्पन्न हुई। ज्ञातव्य है कि सोहराई राज्य के आदिवासीयो का प्रमुख त्योहार है। इस लिहाज से  राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में इस त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। क्योंकि यह पशुधन आधारित  कृषि से संबंधित  त्योहार है, जो कृषि कार्य में सफलता हासिल के लिए  पशुधन पूजने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस परम्परा को निभाते हुए पोटका प्रखण्ड अन्तर्गत धीरौल गांव में आज दिन गोटबोंगा विधिवत रूप से पूजा किया गया। इस अवसर पर नायके बाबा ने गोट पुजा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि   ठाकुर- ठाकरान ने मनुष्य को  कृषि कामकाज में सहायक के रूप पशुधन उपहार में दिये थे। परन्तु मानवता की भलाई के लिए भेजे गए इन पशुओं पर अत्यधिक अत्याचार से क्षुब्द  यह  जीव वापस ठाकुर-ठाकरान के दरवार में अपना दुखड़ा सुनाया। इस दौरान ठाकुर-ठाकुरान ने समझौता कर पुनः मनुष्य के जीविका में साथ देने का फैसला सुनाया। और आगे भविष्य में इनके साथ इस तरह के व्यवहार न होने की बात कही। उस दिन को स्मरण करते हुए आज भी गोटवोंगा व धूमधाम के साथ घर वापसी होती है। इस अवसर पर गांव  के मांझी बाबा, नायके, गोड़ेत, जोग मांझी के साथ गांव के सभी सदस्यों उपस्थित थे।

कालीदास मुर्मू, जमशेदपुर ।





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Editor - कालीदास मुर्मू , जमशेदपुर

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