Rewari News : सिरसा में हिरासत में लेने के विरोध में समस्त किसान संगठन रेवाड़ी ने मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन



सिरसा में किसानो की रिहाई न होने पर 9 तारिक से रेवाड़ी के किसान बैठेगे भूख हड़ताल पर :- मास्टर धर्मसिंह भोहतवास  

डिप्टि दुष्यं त चौटाला व रणजीत सिंह के इस्तीफे की मांग लेकर सिरसा में पड़ाव डाल कर शांति से बैठे किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया |

एक साथी को 5-6 पुलिसवालों ने लाठियों से पीटा और हिरासत में ले लिया।

जय किसान आन्दोलन के मास्टर धर्मसिंह ने बताया कि तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ बीते कल 17 संगठनों के आह्वान (जिसे अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति सहित सभी संगठनों ने समर्थन दिया था)  पर सिरसा में  हजारों की तादात में इकठ्ठा हुए। उनका कहना कि दुष्यंत चौटाला व रंजीत सिंह किसान व कुर्सी में से एक को चुन लें ! बावल में भी किसान संगठनों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. 



भारतीय किसान यूनियन समय सिंह ने कहा की सभा के बाद किसानों ने इन नेताओं के घर की तरफ कूच किया। जहां पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोका किसान वहां सड़क पर बैठ गए। एक स्थानीय नेता ने किसान आन्दोलण को बदनाम करने के लिए बैरिकेड तोड़ने का पियास किया। पुलिस ने उस नेता के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय किसानों पर पानी की बौछार व आशु गैस के गोले दागे। एक किसान को उपद्रवी तत्वों की हरकत के चलते सिर में चोट आई। 

भारतीय किसान यूनियन के अशोक प्रधान ने बताया की किसानों ने अपूतपूर्व समझ व हौंसले का परिचय देते हुए अपने तय कार्यक्रम अनुसार जहां रोका गया वहीं पर पड़ाव डाल दिया। किसान रात भर शांतिपूर्वक वहां डटे रहे ।

मगर सुबह पुलिस ने शान्ती से बैठे किसानों को जबरदस्ती हिरासत में ले लिए। जिनमें 17 किसान संगठनों के नेता प्रहलाद भारूखेड़ा, मनदीप नथवान, रमेश बैनीवाल, रमेश पंघाल व जोगिंदर सिंह नैन व अन्य को हिरासत में लिया गया। तुरन्त बाद अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की राष्ट्रीय वर्किंग कमेटी के सदस्य योगेन्द्र यादव सहित अनेक किसानों को हिरासत में लेकर सदर थाने ले जाया गया। रेवाड़ी  के स्वराज इंडिया के साथी  धरमपाल  नम्बरदार भी उनमें शामिल हैं।उसके बाद कार में कई ड्राइविंग सीट पर बैठे किसान को पुलिस लाठियों से पीटा और कार सहित थाने पहुंचा दिया। 

यही क्रम जारी रहा और लगातार किसान चौक पर पहुंच कर गिरफ्तारी देते रहे !  पांचवे जत्थे में महिला किसान भी शामिल हुई । उसके बाद हिरासत में लिए गए किसानों को डिंग थाने ले जाया गया। 

किसानों को हिरासत में लिए जाने की खबर आग की तरह फ़ैली और किसानों विभिन जगहों पर सड़कों को रोकना शुरू कर दिया। 

राजबाला यादव ने बताया की हिरासत में लिए गए किसान तय कार्यक्रम अनुसार अपने पड़ाव को जारी रखने के ये प्रतिबद्ध हैं। किसान संगठनों के नेताओं ने कहा है कि हमारा पड़ाव जारी रहेगा चाहे पुलिस जितनी बर्बरता करे या गिरफ्तारियां करें। 

एडवोकेट कुसुम यादव ने कहा की थाने में पुलिस हिरासत में लिए गए किसानों को बैठने की जगह या पानी तक की व्यवस्था नहीं कर रही थी। किसानों से कहा गया कि फॉर्म भर कर चले जाएं तो किसानों ने इनकार कर दिया। उन्होनें कहा कि पहले पुलिस मानवीय अधिकारों व हिरासत में लिए गए किसानों को पानी जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाये। 

पुलिस हिरासत में लिए गए किसानों को फोन इस्तेमाल करने वालों से बिना प्रक्रिया के फोन ले रही है। इस पर भी किसानों ने ऐतराज जताया व सुनिश्चित किया कि उचित प्रक्रिया की पालना किये बिना फोन न छीने जाएं ! 

प्रथ्वी सिंह बालियर खुर्द ने बताया की हम रेवाड़ी के किसान आन्दोलनो के विभिन्न संगठन सिरसा में सरकर व पुलिस की ज्यादतियों की कड़ी निंदा करते हैं। हम माननीय मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि सरकार लोकतंत्र में विरोध की प्रक्रिया का सम्मान करते हुए किसानों से बदले की कार्यवाही न करे, संयम रखे और पुलिस द्वारा बर्बर व अनुचित बल प्रयोग पर लगाम रखे।

मास्टर धारमसिंह  भोतवस ने बताया कि  किसान संघर्ष समन्वय समिति के साथियों की मीटिंग हुई है, मीटिंग में निर्णय लिया गया कि सरकार  द्वरा दमनकारी कार्यवाही चलती रही तो 9 तारीख को सुबह 9:00 बजे से श्याम 5:00 बजे तक 5 साथी भूख हड़ताल पर बैठेंगे धरना स्थल राजीव चौक रेवाड़ी पर।

Share on Google Plus

Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

ग्राम समाचार से आप सीधे जुड़ सकते हैं-
Whatsaap Number -8800256688
E-mail - gramsamachar@gmail.com

* ग्राम समाचार से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

* ग्राम समाचार के "खबर से असर तक" के राष्ट्र निर्माण अभियान में सहयोग करें। ग्राम समाचार एक गैर-लाभकारी संगठन है, हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक मदद करें।
- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें