ऑल इंडिया रेलवे मैन्स फेडरेशन, नोर्थ वेस्ट रेलवे एम्पलोई यूनियन के आह्वान पर महामंत्री मुकेश माथुर, कार्यकारी अध्यक्ष अनिल व्यास व मण्डल सचिव जयपुर आर.के. सिंह के मार्गदर्शन में देवेन्द्र सिंह यादव(सहायक मण्डल मंत्री बीकानेर), वीरेंद्र यादव(शाखा अध्यक्ष) व यतेंद्र कुमार (शाखा सचिव) के नेतृत्व में 20/10/2020 मंगलवार को रेवाड़ी रेलवे स्टेशन पर प्रातः 10बजे व स्थानीय रेलवे चिकित्सालय रेलवे कॉलोनी रेवाड़ी पर प्रातः 11बजे बीकानेर व जयपुर मंडल के कर्मचारियों द्वारा बोनस दिवस को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा।
आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन संभंधित यूनियन नार्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर जी ने दिनांक 19 को बिकानेर मंडल के सभी पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन मीटिंग की गई जिसकी अधकस्ता नार्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के कार्यकारणी अध्यक्ष कॉम अनिल व्यासः ने की ।
जिसमें कामरेड मुकेश माथुर ने कहा की जैसा कि आल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन की स्टइंडिंग कमिटी की मीटिंग में ये फैसला लिया गया है कि अगर 21 अक्टूबर तक बोनस का ऐलान नहीं किया गया तो 22 अक्टूबर को रेल का चक्का जाम किया जाएगा। इसके अलावा 20 अक्टूबर को देश भर में बोनस दिवस मनाते हुए धरना - प्रदर्शन किया जाएगा।
बैठक में बोनस, निजीकरण, निगमीकरण, पुरानी पेंशन की बहाली, डीए, नाइट ड्यूटी एलाउंस, एक्ट अप्रैंटिस के समायोजन, महामंत्री मुकेश माथुर ने मीटिंग में बताया कि इन तमाम मुद्दों पर लगातार रेलमंत्री, बोर्ड के सीईओ समेत सरकार के विभिन्न मंत्रियों और सचिवों से बात हो रही है। बातचीत में तो हर मंत्री और अफसर फैडरेशन की मांग का समर्थन करते है, लेकिन आदेश जारी नहीं हो रहा है, इससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
मीटिंग में महामंत्री ने कहाकि रोजाना पूरे जोन भर से रेलकर्मचारियों के साथ ही यूनियन के पदाधिकारियों के फोन आते है और सभी बोनस को लेकर चिंतित हैं। हालाकि महामंत्री ने कहाकि जब भी बोनस के बारे में रेलमंत्री और सीईओ से बात हुई , बताया गया कि रेल मंत्रालय ने बोनस देने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेज दिया है और यह फाइल वहीं लंबित है। महामंत्री ने कहाकि हमेशा से ही दुर्गा पूजा के पहले ही बोनस का ऐलान कर दिया जाता रहा है, लेकिन इस बार अभी तक बोनस का ऐलान नहीं होने से कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। महामंत्री ने कहाकि खुद रेलमंत्री ने विभिन्न बैठकों में बताया कि कोरोना के संकटकाल में रेल कर्मचारियों ने काफी मेहनत से काम किया और माल की ढुलाई में 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की, लेकिन जब बात कर्मचारियों को कुछ देने की होती है, तो सभी खामोश हो जाते हैं।
महामंत्री मुकेश माथुर ने कहाकि फिलहाल ये सब अधिक दिन तक चलने वाला नहीं है। बैठक में तय किया गया कि 20 अक्टूबर को देश भर में " बोनस डे " मनाया जाएगा, इस दौरान शाखा से लेकर जोन स्तर पर धरना, प्रदर्शन,रैली का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार को 21 अक्टूबर तक का समय दिया गया है, इस दौरान अगर बोनस का ऐलान नहीं किया गया तो 22 अक्टूबर को सीधी कार्रवाई करते हुए रेल का चक्का जाम कर दिया जाएगा। महामंत्री ने कहाकि बोनस हमारा हक है और उत्पादकता पर आधारित बोनस है, मतलब साफ है कि रेल कर्मचारियों ने इसे अपनी मेहनत से कमाया है।
नाइट ड्यूटी एलाउंस पर चर्चा के दौरान महामंत्री ने कहाकि अगर नाइट ड्यूटी एलाउंस नहीं दिया जाता है तो फिर कर्मचारियों से नाइट ड्यूटी भी तत्काल बंद कराई जानी चाहिए। नाइट ड्यूटी एलाउंस को फैडरेशन ने काफी संघर्ष के बाद हासिल किया है, इस पर किसी तरह का समझौता स्वीकार नहीं है।
मीटिंग को संबोधित करते हुए
कॉम अनिल व्यासः ने
ने कहाकि एक ओर जब रेलकर्मचारी कोरोना महामारी के बीच ट्रेनों का संचालन कर प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का काम कर रहे थे, कोशिश कर रहे थे कि देश के किसी कोने में आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की कमी न होने दे, उस वक्त सरकार रेल बेचने का सौदा कर रही थी। कुल 109 चुनिंदा रेल मार्गों पर 151 ट्रेनों का संचालन प्राईवेट आँपरेटर को देने का काम किया जा रहा था। इतना ही नहीं उत्पादन इकाइयों के निगमीकरण की साजिश चल रही थी।
इसी तरह पुरानी पेंशन की बहाली की मांग भी हम छोड़ने वाले नहीं है, इस पर भी हर स्तर पर बातचीत चल रही है। डीए फ्रीज किए जाने की आलोचना करते हुए मंडल मंत्री ने कहाकि इस मामले में रेल मंत्रालय में बात चीत चल रही है, लेकिन सभी आर्थिक हालातों का रोना रोते है। जबकि फैडरेशन के मानना है कि रेलवे की खराब आर्थिक स्थिति के लिए कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है, इसलिए उन्हें क्यों सजा दी जा रही है।
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