रेवाड़ी, 2 सितंबर। सरकार के महत्वाकांक्षी बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के क्रियान्वयन में जिला रेवाड़ी ने बेहतर कार्य किया है। वर्ष 2014 में जिला का लिंगानुपात 802 था, वर्ष 2020 में अब तक 921 तक पंहुच गया है।
उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने बुधवार को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने सभी संबधित विभागों को लिंगानुपात सुधार के लिए और बेहतर ढंग से क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए है।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में लिंगानुपात का बेहतर कार्य हुआ है, लेकिन अभी भी हम लक्ष्य से दूर हैं और हमारा लक्ष्य चाइल्ड सेक्स रेशो (सीएसआर) शत-प्रतिशत का है, जिसे हमें और बेहतर करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि और अधिक बेहतर सुधार करने के लिए संबंधित विभाग जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से आमजन की सहभागिता, पीएनडीटी व एमटीपी एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू करने, अपने संपर्क सूत्रों को और मजबूत करने आदि पर फोकस करें।
डीसी यशेन्द्र सिंह ने पीएनडीटी की समीक्षा करते हुए सीएमओ डॉ सुशील माही को पीएनडीटी-एमटीपी एक्ट के तहत नियमित रूप से रेड करने के निर्देश दिए। बैठक में सीएमओ को पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ चितरंजन के न आने पर उपायुक्त ने एक दिन का वेतन व स्पष्टïीकरण मांगने के निर्देश दिए। उन्होंने पीएनडीटी के कार्य में रूचि न लेने वाले डॉ संजय का भी स्पष्टïीकरण मांगने को कहा।
उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने कहा कि कम लिंगानुपात वाले गांवों व शहरी क्षेत्रों की सही पहचान कर विशेष जागरूकता अभियान चलाएं। इन क्षेत्रों में कार्य कर रहे स्टाफ को और ज्यादा संवेदी बनाएं और इनकी कार्यशैली की निरंतर मानिटरिंग करें। उपायुक्त ने जिला में पंजीकृत अल्टासाउंड केद्रों की नियमित रूप से जांच करने को कहा।
बैठक में एडीसी राहुल हुड्ïडा, एसडीएम रेवाड़ी रविन्द्र यादव, एसडीएम कोसली कुशल कटारिया, एसडीएम बावल मनोज कुमार, डॉ अशोक, सीएमजीजीए डॉ मृदुला सूद, सहायक न्यायवादी सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें