रेवाड़ी 18 सितम्बर। सरकार कोरोना के भीषण संक्रमण के इस दौर में कर्मचारियों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं है सरकार केवल कागजों में आदेश पारित करके अपना पल्ला झाड़ रही है। यह वक्तव्य आल हरियाणा शैड्यूल्ड कास्ट एम्पलाईज फैडरेशन के राज्य के वरिष्ठ उपप्रधान एवं रोडवेज एससी एंप्लॉइज संघर्ष समिति आफ हरियाणा के संरक्षक भगत सिंह सांभरिया ने प्रैस में जारी किए अपने बयान में कहे।
सांभरिया ने कहा कि आए दिन कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। रोडवेज के जींद डिपो में कार्यरत सतपाल सिंह परिचालक का वीरवार को कोरोना के गंभीर संक्रमण के कारण पीजीआई रोहतक में आकस्मिक देहांत हो गया। सतपाल 35 वर्ष के थे। सतपाल परिचालक थे और बस पर मार्ग ड्यूटी पर तैनात थे वह ड्यूटी के दौरान ही कोरोना की चपेट में आया और पीजीआई रोहतक में कोरोना से जीवन की जंग हार गया।
सांभरिया ने कहा कि सतपाल की इस आकस्मिक मृत्यु के साथ ही सरकार द्वारा कर्मचारियों के स्वास्थ्य को लेकर किए जा रहे दावों की पोल खुल गई है। सरकार कहती है कि सरकार कर्मचारियों को मास्क सैनीटाइजर और अन्य उपकरण मुहैया करा रही है और बसों को प्रतिदिन सैनीटाइज करवा रही है लेकिन धरातल पर इसके विपरीत है। प्रदेश में डिपुओ में ना ही बसें सैनीटाइज की जा रही है और ना ही कर्मचारियों को कोई मास्क और सैनीटाइजर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। ना ही कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए प्रबंध है। ऐसे में कर्मचारी कोरोना के लिए आसान शिकार की तरह है।
रोडवेज एस सी एंप्लॉइज संघर्ष समिति आफ हरियाणा और आॅल हरियाणा शैड्यूल्ड कास्ट एम्पलाईज फैडरेशन सरकार से मांग करता है कि सतपाल सिंह ड्यूटी के दौरान कोरोना की चपेट में आया था और इसी कारण उसे जीवन से हाथ धोना पड़ा इसलिए सतपाल के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाए और उसकी पत्नी को एक्सग्रेसिया के तहत नौकरी दी जाए।
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