हरियाणा में गुरुग्राम के ओद्योगीक क्षेत्र मानेसर के बाद सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने वाला रेवाड़ी जिले का आईएमटी बावल इन दिनों प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है यहाँ की सड़कों की हालत खस्ता बनी हुई है लेकिन इस की ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है. ओद्योगीक क्षेत्र बावल में चार फेस है जिनमे 500 के करीब छोटी बड़ी ओद्योगीक इकाइयां हैं लेकिन यहाँ के फेस वन की सड़कों की हालत बद से बदतर हो रही है इन सड़कों में बड़े बड़े गड्ढे बने हुए हैं इन विशालकाय गड्ढों में बरसात के मौसम में पानी भर जाता है जिस कारण गड्ढे दिखाई नहीं देते और हादसे होते रहते हैं. वैसे तो पूरे ओद्योगीक क्षेत्र की सड़कों का यही हाल है लेकिन फेज-1 के अंतर्गत गांव पातूहेड़ा और आसलवास के पास सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि HSIIDC बावल ओद्योगीक हब है लेकिन सड़कों की हालत बहुत खराब है सड़कों में से रोडीया निकल रही है जिससे फिसलने का डर बना रहता है. जब इस बारे में हमने गाँव के सरपंच रविदत्त से बात की तो उन्होंने बताया कि यह समस्या कई महीनों से बनी हुई है. इसके समाधान के लिए कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
जब इस बारे में हमने HSIIDC के सीनियर मैनेजर अशोक यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके पास चार फेज आते हैं जिनमे एक फेज की सड़के टूटी हुई है इसके लिए उन्होंने एसटीमेट बनाकर भेजा हुआ है उसके बाद टेन्डर लगा कर काम शुरू कर दिया जाएगा. सड़क टूटने का कारण कंपनियों द्वारा पानी छोड़ने के कारण रोड टूट जाते हैं. बाकी फेज में सड़कों की हालत ठीक बताई.
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