मामला बोआरीजोर प्रखंड का है प्रखंड मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित तालझारी गांव का है। प्रदेश सरकार भले ही गरीबों को पीएम आवास दिलाकर लाभान्वित करने का दावा कर रही है। लेकिन अभी भी बहुत से गरीब परिवार इस योजना से वंचित हैं।बरसात के महीने में पुराने झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं। बारिश से बचने के लिए इन परिवारों को पालीथिन या दूसरे के छत का सहारा लेना पड़ रहा है।
बोआरीजोर प्रखंड क्षेत्र के ग्राम तालझारी निवासी तालाकुड़ी मुर्मू रसका मुर्मू,बेटाराम मुर्मू,चुनका मुर्मू,प्रेमलाल मुर्मू,रामजी मुर्मू,गुलाबी मुर्मू,राजा मुर्मू,कुसमी देवी इत्यादि ऐसे 35 लाभुको का कहना है कि झोपड़ी बनाकर जीवन यापन कर रहे है। छत के नाम पर कुछ भी नहीं है। और थोड़ी सी बारिश के बाद झोपड़ी में चारों ओर पानी टपकने लगता है। इस दौरान सामान भी भीग जाता हैं। लाभुकों ने बताया हमलोग बेहद गरीब हैं।सड़क,नाली,सफाई व स्ट्रीट लाइट की समस्या से ज्यादा रहने के लिए पीएम आवास योजनाओं का लाभ न मिल पाने से लोगों ज्यादा दुखी व चिंतित हैं क्योंकि उनके पास रहने के लिए खुद का एक मात्र झोपड़ी ही है और इसी में रहने को मजबूर है। लाभुक बताते हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सूची में नाम तो शामिल किया गया था नया प्रधानमंत्री आवास को लेकर जियो टैग भी किया गया था लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी अभी तक एक भी व्यक्ति की आवास मंजूर नहीं हुई है और न ही किसी को प्रधानमंत्री आवास मिला सका है। तालझारी गांव में 35 ऐसे लाभुक है जिसका नाम सूची में दर्ज तो किया गया था इसके बाबजूद अब तक पीएम आवाज नहीं बन पाना लाभुकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती भरी समस्या भी है।
-ग्राम समाचार, बोआरीजोर(गोड्डा)।
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