ग्राम समाचार गोड्डा, ब्यूरो रिपोर्ट:- उपायुक्त गोड्डा भोर सिंह यादव ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा है कि जिले में सापों को लेकर आज भी समाज में तमाम भ्रांतियां हैं। इनके काटने पर लोग ओझा के पास चले जाते हैं। लेकिन गुनी ओझा के पास ले जाने के बजाय आप पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल ले जाएं जहां पर उक्त व्यक्ति का सही समय पर सही इलाज हो सके। इस तरह के मामले होने पर यह समझ लेना कि इसका इलाज संभव नहीं यह बिल्कुल गलत है इसका इलाज संभव है। लोग ओझा गुनी के चक्कर में पड़ जाते हैं जिसके कारण जान की हानि होती है। जबकि सांप काटने का इलाज सरकारी अस्पतालों में संभव है, चिकित्सकों के पास इसका इलाज संभव है। इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि अगर कहीं पर सांप काटने की घटना हो जाती है तो इससे डरने के बजाय निकटतम स्वास्थ्य केंद्र जाकर इसका समुचित इलाज कराएं।
अमूमन यह भी देखा जाता है कि लोग कटने वाले स्थान को कस के रुमाल से बांध देते हैं। इसके पीछे तर्क होता है कि विष का असर कम होगा। लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि रक्त संचार रुक जाने के बाद खतरा और बढ़ सकता है। गैंगरीन होने पर साप काटे हुए अंग को काटना तक पड़ सकता है। ऐसे में यदि अस्पताल दूर हो तो रुमाल बाधने पर हर दस मिनट पर उसे ढीला जरूर करें ताकि रक्त संचार एकदम बंद न पड़ जाए।
जून से सितंबर के बीच सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इस मौसम में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को काफी खतरों का सामना भी करना पड़ता है। बारिश से सापों के बिल में पानी भरने से वह बाहर निकल आते हैं और फूस, लकड़ी के ढेरों, पेड़ों, खेतों व झोपड़ियों में शरण ले लेते हैं। यह सबसे पहली और जरूरी बात है कि साप अगर काट ले तो बिल्कुल भी घबराएं नहीं। झाड़-फूंक में समय गंवाने से अच्छा है कि तुरंत अस्पताल में मरीज को भर्ती करें। स्नेक बाइट के ज्यादातर मामलों में मरीज सही उपचार के बाद ठीक हो जाता है। इसलिए आप सभी जिलेवासियों से अपील है कि यदि इस तरह के मामले हो तो आप अंधविश्वास में ना पढ़कर निकटतम स्वास्थ्य केंद्र जाकर सही उपचार कराएं।
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