शिकारीपाड़ा में पत्थर खदान में उत्खनन करते माफियाओं के जेसीबी |
ग्राम समाचार, दुमका। शिकारीपाड़ा प्रखंड अंतर्गत पत्थर का अवैध उत्खनन परिवहन एवं अवैध बारूद का विस्फोट रुकने का नाम नहीं ले रहा है,जबकि शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के तहत पड़ता है। एक तरफ जहां कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सारा देश परेशान है। झारखंड सरकार द्वारा जुलाई तक लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है वही थाना क्षेत्र अंतर्गत कौडीगढ ढोलकाटा पहाड़ आम चुआ पोखरीया सालबना कुसुम घाटी मकड़ा पहाड़ी जमरू पानी सहित दर्जन मौजा के जमाबंदी गोचर एवं खास भूमि में पत्थर माफियाओं द्वारा बारूद विस्फोट कर पत्थर का उत्खनन बृहद स्तर पर किया जा रहा है इस में कार्यरत मजदूरों एवं पत्थर माफियाओं में करो ना का कोई असर नहीं देखा जा रहा है बेखौफ अवैध खनन कर रहे हैं। इतना ही नहीं अवैध पत्थर खनन कारी वन भूमि में स्थित वन संपदा को भी नष्ट कर रहे हैं दिखावे के तौर पर जिला खनन पदाधिकारी अंचल अधिकारी एवं वन विभाग द्वारा खानापूर्ति के तौर पर कभी-कभी कार्रवाई कर अपने दायित्व का निर्वहन कर लिया जाता है लेकिन उसके बाद उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है। कोरोना संक्रमण जैसे महामारी के समय की पत्थर खदानों में कार्य करने वाले मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन नहीं कराया जाता है। खदानों में अधिकतर मजदूर पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से आते हैं । जहां कोरोना अपने चरम पर पहुंच चुका है । जिसके कारण क्षेत्र में करोना के संक्रमण बढ़ने की आशंका प्रबल होती जा रही है। अवैध पत्थर खनन में अवैध बारूद विस्फोट का ज्वलंत प्रमाण बीते दिनों जामा में पकड़े गए विस्फोटकों एवं उसके साथ पकड़े गए व्यक्तियों से मिलता है । पकड़े गए व्यक्ति स्वयं बयान दिए हैं कि बारूद को शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत चलने वाली अवैध पत्थर खदानों में ले जाकर बेचते थे । अवैध खनन के संबंध में जिला खनन पदाधिकारी दिलीप कुमार ताती कहते हैं कि अवैध खनन की जानकारी मुझे नहीं है जांच कर अगर अवैध खनन पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी वही अंचल अधिकारी अमृता कुमारी कहती हैं कि अवैध खनन के संबंध में मैंने अंचल निरीक्षक राजस्व कर्मचारी एवं ग्राम प्रधानों से सूची मांगी है। सूची के साथ उनका प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात आगे की कार्रवाई की जाएगी ।
सियाराम शरण सिंह, ग्राम समाचार, शिकारीपाड़ा
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