पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच सोमवार रात हुई हिंसक झड़प में शहीद होने वाले कर्नल बी. संतोष बाबू के माता-पिता गहरे सदमें में हैं। उन्होंने कहा कि जब बेटे की शहादत की खबर मिली, तब शुरुआत में किसी को विश्वास तक नहीं हुआ।
तेलंगाना के सूर्यपत जिले के निवासी कर्नल संतोष बाबू के माता-पिता ने कहा, 'पहले तो हमें विश्वास नहीं हुआ, लेकिन बाद में उच्च अधिकारियों ने हमें बताया कि क्या हुआ है। हम गहरे सदमे में हैं। हमारे बेटे को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।'
बैंक से रिटायर हो चुके कर्नल संतोष बाबू के पिता बी. उपेंद्र ने कहा कि वह हमेशा से ही सेना में जाना चाहता था। उन्होंने कहा, 'मैं सेना में शामिल होकर देश की सेवा नहीं कर सका। इस वजह से मैं अपने बेटे को सेना में भर्ती कराना चाहता था।'
वहीं, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कर्नल बाबू की शहादत पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, 'कर्नल संतोष ने राष्ट्र के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है। उनके परिवार का सरकार जितना हो सकेगा, उतनी मदद करेगी।'
बता दें कि शहीद कर्नल बी. संतोष बाबू सोमवार को चीनी पक्ष से हुई बातचीत का नेतृत्व कर रहे थे, लेकिन सोमवार को देर रात हुई हिंसा में वह शहीद हो गए। वह 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर भी थे। इससे पूर्व भी वह तनाव कम करने को लेकर हुई कई बैठकों का नेतृत्व कर चुके थे।
सौजन्य : हिंदुस्तान
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