ग्राम समाचार, भागलपुर। पूरनमल बाजोरिया शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय नरगाकोठी के प्रांगण से अध्यक्ष डॉ चन्द्र भूषण सिंह, सदस्य डॉ मधुसूदन झा, मारवाड़ी महाविद्यालय के प्रो रामसेवक सिंह एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अजीत कुमार पाण्डेय द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर दो दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ किया गया। ति मा भागलपुर विश्वविद्यालय के भूतपूर्व कुलपति डॉ रमाशंकर दुबे ने कहा कि प्रचीन शिक्षा गुरूकुल पद्धति की थी जिसमें शिष्य शिक्षा ग्रहण करने जाते थे तो उसका खर्च समाज वहन करता थथ। शिष्य भिक्षा मांगकर लाते थे और उससे गुरूकुल का खर्च चलता था। गुरु शिष्य का उस समय मजबूत संबंध होता था। शिष्यों के सर्वांगीण विकास हेतु शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा के साथ साथ शस्त्र एवं शास्त्रों की शिक्षा देकर शिष्यों का विकास किया जाता था। गुरु शिष्य के अन्दर की प्रतिभा को देखकर उसे तरासते थे ये शिक्षा की परंपरा थी। आज गुरु शिष्य मिलकर ऐसी समाज की स्थापना करे जो समाज के साथ साथ देश को भी आगे बढाएगा। हमारी भावनाएँ भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत होनी चाहिए। अपना अलग-अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाकर प्रतियोगिता के तरह से आगे बढ़ना है। आज के वेबिनार का विषय वस्तु प्रवेश करते हुए विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव दिलीप कुमार झा ने कहा कि भारतीय शिक्षा के स्वरूप गुरूकुल से वर्तमान समय में काफी परिवर्तन आया है। भविष्य की संभावनाओं पर विचार करने की बात कही। शैक्षणिक विकास के साथ साथ आध्यात्मिक विकास की बात ककह। देश भर में विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा के साथ साथ जीवन मूल्यों पर आधारित शिक्षा देने का कार्य कर रही है। शिक्षा सिर्फ़ रोटी देने वाली न हो यह मानव को मानव से जोडने वाली होनी चाहिए। गया केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रो सनत कुमार शर्मा ने कहा कि शिक्षा में गुरु और शिष्य का सामंजस्य होना चाहिए। इसलिए शिक्षक को छात्र की भाषा को जानना जरूरी है तथा उसे तकनीकी बनाना जरूरी है। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो डॉ नन्द किशोर साहाजी ने कहा कि शिक्षकों में संबोधन, तादात्म्य, आशावादी, उत्साह, रहन सहन, बात चीत शैली, संयम, निष्पक्ष, शुभचिंतन, सहानुभूति, जीवन शक्ति, गुणवत्ता पूर्ण गुण होनी चाहिए तभी आदर्श शिक्षक कहलाएंगे। ऑनलाइनबैठक में अतिथि परिचय महाविद्यालय के प्राचार्य अजीत कुमार पाण्डेय द्वारा किया गया। संचालन सरिता कुमारी द्वारा एवं फुलवड़िया बीएड कॉलेज के संदीप कुमार सिंह द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के सचिव ब्रजभूषण तिवारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्याली रामजी, डॉ मधुसूदन झा, डॉ अजीत कुमार पाण्डेय, राजकुमार ठाकुर, गौरी शंकर मिश्र, रौशन सिन्हा, हरेन्द्रनाथ पांडे, धनंजय कुमार, रामजी पोद्दार, शशि भूषण मिश्र एवं पूरे देश से पांच सौ प्रतिभागी जूड़े थे।
- Blogger Comment
- Facebook Comment
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें
(
Atom
)

0 comments:
एक टिप्पणी भेजें