Godda News: गोड्डा जिला अन्तर्गत पथरगामा के अंचलाधिकारी राजू कमल की लेखनी से निकला कोविड- 19 के संक्रमण से बचाव का संदेश मचा रहा है धूम


ग्राम समाचार गोड्डा:- पथरगामा के अंचलाधिकारी प्रसाशनिक पदाधिकारी ही नही वरन हिंदी साहित्य के मर्मज्ञ भी है|कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु जुझ रहे मानवता के बीच अपने कर्तव्य का निष्ठापूर्वक पालन करने के दौरान देखा की जिनके बेशकीमती जिवन को बचाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी तंत्र जी जान से जुटा हुआ है पर उसे ही  अपने दायित्व का निर्वाह नहीं करता देख अनायास ही उनकी लेखनी से निकल पडा़ मार्मिक अपील कि हे मित्रों,भाइयों, माताओं,बहनों निसंदेह आज पूरा विश्व नोवेल कोरोना विषाणु से जीवन और मृत्यु की संभवतः ज्ञात मानव अस्तित्व को बचाए रखने की सबसे दीर्घ जंग अदृश्य जगत के विरूद्ध लड़ रहा है। पूरे विश्व में अनुमानतः1.5 लाख जीवन काल के गाल में समा चुके हैं।,अर्थात यह अदृश्य विषाणु इतनी जिंदगियां निगल चुका है। और यह क्रम निरंतर जारी है। विश्व के धनाढ्य,संपन्न,तकनीकी रूप से लैस,आधुनिक चिकित्सालयों से पूर्ण एवं चिकित्सीय उपकरणों से परिपूर्ण, सर्वशक्ति संपन्न राष्ट्र भी इस महामारी के आगे नतमस्तक,लाचार,बेबस, क्षीण,विवश,निशक्त,असमर्थ,असहाय शक्तिहीन महसूस कर रहें है। निश्चित ही,मनुष्य की महत्वाकांक्षी लिप्सा सब कुछ अपने अधीन कर सर्वशक्तिमान बनने की लालसा ने विकास की अंधी होड़ में प्रकृति को जो अप्रत्याशित अभिघात(क्षति) पंहुचाया है, हो सकता हो वर्तमान परिदृश्य उसका प्रतिकार ,प्रतिशोध प्राकृतिक संतुलन को अक्षुण्ण रखने की एक संकेत दृष्टिपात करा रही हो । अगर अभी भी मानव समुह इस  भयवाह परिस्थिति को देखकर नहीं संभलें तो भविष्य में इससे भी विकराल आपदा की संभाव्यता से किंचित अस्वीकार नहीं किया जा सकता । निश्चित ही हमारा भारतवर्ष सदियों से आध्यात्मिक गुरु रहा है। हमारी पवित्र मातृभूमि असंख्य,ऋषि मुनियों,संत ,महात्माओं की तपस्थली रही है। हमारे राष्ट्र पर निश्चित ही पुण्यात्माओं के महान तप बल का आवरण है,परन्तु इसका ये मतलब नहीं कि यह वैश्विक आपदा अपनेआप समाप्त हो जायेगी। रामचरितमानस में  वर्णित है,
"कर्म प्रधान विश्व रचि राखा।।
जो जस करहिं तो तस फल चाख़ा।।"
पुराणों में वर्णित है:-
"अवश्यमेव भोताव्यम कृतं कर्म शुभाशुभम ।।
नाभुक्तम क्षीयते कर्म कल्पकोटीश्तैरपी ।।"
कुछ जरूरी कर्म जो अपेक्षित हैं :-

☀️पूरे देश में लॉकडाउन- 3 मई तक बढ़ा दी गई है। जो भी निर्देश सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं उनका अक्षरसः अनुपालन करें।
☀️अभी सड़कों पर बेवजह लोग इधर उधर जाते घूमते हुए दृष्टिगोचर हो रहें हैं। जो कि इस महामारी की गंभीरता से अनभिज्ञता प्रदर्शित करती है। निसंदेह यह कृत्य जानलेवा है।
☀️अरे भाइयों  पूरा विश्व मौत के तांडव को बेहद समीप से देख चुका है अब तो आप संभल जाओ ध्यान रखो जो भी आवश्यक जरूरी चीजें जीवन जीने के लिए हैं कम से कम सप्ताह भर की चीजें अपने घरों में रखिए और सप्ताह में 1 दिन परिवार का एक सदस्य निकले जो भी जीवनोंपयोगी जरूरी चीजें आवश्यक हैं उसके पूर्ति के लिए, बाकी लोग घर में ताला बंद करके रहो यही तालाबंदी है। पानी आपको घर में ही मिल रही है, भोजन आपको घर में मिल रहा है, शौचालय घर में है तो जीवन जीने के लिए जो भी आवश्यक चीजें हैं  घर में मौजूद हैं।
☀️जिनके पास राशन पानी नहीं है जो वंचित लोग हैं सरकार उसकी पूरी व्यवस्था कर रही है और घूम घूम कर अपनी जान दांव तथा जोखिम में लगाकर प्रशासनिक पदाधिकारी, पुलिस बल,स्वास्थ्य कर्मी और अन्य कई समाजसेवी संस्थाएं इस कार्य में जुड़ी हुई हैं ताकि आपकी जान जो हमारे लिए बहुत ही कीमती है उस को बचाया जा सके और यह संभव तभी है जब हमारी जनता ,समाज जागरूक होगी ।
☀️घर से ना निकले बल्कि गिर कर  संभलनें की प्रवृति से बाहर निकलें। अन्य देशों की स्थिति से सबक लें । जीवन शेष रहा तो जीवन में बहुत कुछ कर लोगे आप अभी सरकार का जो निर्देश है उसका अनुपालन करें ।
☀️अपने गांव-घर में नए लोगों का आना पाबंद करें । उन्हें गांव में प्रवेश नहीं करने  दें,  तत्क्षण प्रशासन को इसकी सूचना दें। यह बीमारी ना फैले इसके लिए अलग से उन्हें रहने, की व्यवस्था की गई है उनके भोजन पानी की व्यवस्था की गई है ऐसा ना सोचे कि वह अपने परिवार से ना मिलेंगे तो जीवित नहीं रहेंगे उनको जीवित रखने की सारी जद्दोजहद सरकार प्रतिबद्धता पूर्वक कर रही है ।
☀️साफ सफाई का ध्यान रखें। जब भी आप  बाहर की चीजें या वस्तु लेके आते हैं तो सबसे पहले धोने लायक है, तो उसे साबुन सर्फ से पूरी झाग बनाकर  धो लें। गरम पानी में धोने लायक है तो  डिसइनफेक्टेंट  डालकर 10 से 15 मिनट छोड़ दें उसके बाद ही उस खाद्य सामग्री का उपयोग करें।  ऐसी चीजें जो तत्काल उपयोग की नहीं है, उसे आप 10 से 12 घंटा छोड़ दे उसके बाद ही उपयोग करें। बराबर अपने हाथों को साबुन से धोते रहें कम से कम 30 सेकंड तक अपने हाथों को जरूर रगड़कर धोएं।
 ☀️बच्चों, वृद्धों ,बीमार जनों पर विशेष सतर्कता बरतें। चूंकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती हैं। अतः इन्हें विशेष देखभाल एवं सावधानी की जरूरत है। अनावश्यक वस्तुओं को छूने से इन्हें रोके।
 👉  प्रायः उद्योग- धंधे व्यापार,कारोबार बंद पड़े हैं| असंख्य असंगठित कामगारों, दिहाड़ी मजदूरों का रोजगार बंद पड़ा है,अपने आस पास नजदीक में ऐसे निः सहाय जन वास कर रहें हो तो समाज के प्रबुद्ध,बुद्धिजीवी लोग स्वैच्छिक सामूहिक अंशदान  से सामाजिक जिम्मेदारी समझकर उन्हें दो वक्त के भोजन की व्यवस्था जरूर कराएं। सरकार चिन्हित कर  मदद का कार्य कर रही है,परन्तु शत प्रतिशत पंहुच असंभव है। अपनी सामूहिक जिम्मेदारी,जवाबदारी निभाकर मानव सेवा  में अवश्य सहभागी बनें ।
☀️अभी तक इस बीमारी/महामारी से बचने का कोई उपचार या दवा ज्ञात नहीं है । पूरे विश्व के चिकित्सा विज्ञान के प्रबुद्ध  वैज्ञानिक गण अपनी क्षमता ,ज्ञान प्रज्ञानुसार इस विषाणु पर शोध,अनुसंधान, वैक्सीन निर्माण, प्रतिरोधक ,उपचार एवं दवा ढूंढने का कार्य दिन रात बिना थके रुके कर रहें है पर पूर्ण सफलता नहीं हासिल की जा सकी है। इससे बचने में एकमात्र उपाय आपकी शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता है।अतः सबों से अनुरोध है कि अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आवश्यक खाद्य एवं पेय पदार्थों का सेवन करें,विटामिन C  ज्यादा से ज्यादा लें। तथा सार्वजनिक हाट,बाज़ार,बैंक परिसर ,दवा दुकान आदि स्थलों  का उपयोग करते वक्त कोई भी वस्तु,खरीदते वक्त ,बैंक कार्य,सार्वजनिक स्थल में मानक सामाजिक दूरी कम से कम 5-6 फीट या 2 मीटर की दूरी का अनुपालन करें अत्यंत जरूरी कार्य से बाहर निकलना पड़े तो मास्क अवश्य पहनें ।
☀️पान,गुटखा,खैनी खाकर यत्र तत्र न थूंके,ये विषाणु माउथ ड्रोपलेट्स से ही फैलता है।
☀️प्रशासन के कर्मी,स्वास्थ्य विभाग के कर्मी,पुलिस प्रशासन,सफाई कर्मी निर्बाध अपना जीवन दाव में लगाकर आपकी सेवा दिन रात कर रहें है।उनका सम्मान करे तथा घर पर रहकर अपनी एवं उनकी मदद करें ।
☀️अब बात कानून की पूरे देश में लॉकडॉउन 3 मई तक बढ़ा दी गई है,पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू है, महामारी अधिनियम को कठोरता से अनुपालन कराया जा रहा है। भारतीय दण्ड विधान ,सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर IT Act के कई धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है। निरन्तर संक्रमण भारत में पांव पसार रहा है। कोई भी लापरवाही क्षम्य नहीं की जाएगी अब पूर्ण सख्ती से कानून का अनुपालन कराया जाएगा ।बेवजह सड़कों पर वाहनों का परिचालन करने वालों,घूमने वालों पर प्राथमिकी दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। और की जा रही है ।
☀️एक विशेष बात अभी लॉकडाउन के समय सबसे अधिक लोग स्मार्टफोन पर समय व्यतीत कर रहें हैं। और असंख्य सोशल नेटवर्किंग साइट, यथा,फेसबुक ,वॉट्सएप,ट्विटर,इंस्टाग्राम टिक टॉक,ऐप  आदि से जुड़े हुए हैं । उपयोग कीजिए परन्तु मात्र स्वयं के मनोरंजन और जानकारी प्राप्त करने के लिए। ज्यादा अति उत्साह में न आएं,बेवजह, अफ़वाह वाले संदेश,धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंचाने वाले संदेश सामाजिक सौहार्द एवं समरसता को क्षति पहुंचाने वाले संदेश बिना तथ्यों एवं पुष्टि किए संदेश किन्हीं को भी संप्रेषित करने से बचें। अन्यथा ये लॉक डॉउन  निश्चित रूप से आपको लॉकअप पंहुचा सकता है।
☀️ये वक्त आपको आपके परिवार के नजदीक लाया है, स्वविवेक से इसका सदुपयोग करें।परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं उनको नजदीक से समझे। और अपने अंदर छिपे प्रतिभा को निखारने में समय लगाकर इस बोझिल समय को उपयोगी बनाएं। अभिभावकों को सबसे अत्यधिक चिंता बच्चों की अध्ययन को लेकर है। उसका हल भी सरल है,वर्तमान समय में इंटरनेट पर ऑनलाइन असंख्य अध्ययन की सामग्रियां उपलब्ध है,कई ऑनलाइन क्लासेस भी चलाई जा रही हैं, इनका उपयोग कर बच्चे के बौद्धिक विकास में सहयोगी बन उन्हें राष्ट्र के भावी भविष्य निर्माता बनाने में अपने पुर्षाथ का उपयोग करें ।
☀️कोई भी विपत्ति सदैव अपना अस्तित्व स्थिर नहीं रख सकती। कई बार मानव जाति ने अपने सूझ बुझ एवं अपनी प्रज्ञा से कई  संकट का सामना एवं समाधान किया है इसका भी अंत जरूर होगा।  लेकिन कंही न कहीं ये हमें आगे भविष्य की विपत्तियों को आगह करने आया है अगर मानव विकास की  होड़  में प्रकृति को आघात पहुंचाने के कृत्यों को लगाम नहीं लगाएगा तो अंजाम और भी विकराल और भयवाह हो सकते हैं। अतः हमें समावेशी विकास की अवधारणा को दृढ़तापूर्वक अनुपालन करना ही होगा। हमारी तो परम्परा सदियों से यही रही है
"सर्व जन हिताय।।
सर्व जन सुखाय।।
मनुष्य की बुद्धि  यूं ही नहीं पूरे ब्रह्मांड में इसे औरो से अलग करती है । सृजेता ने समस्त प्रकृति और जीव जगत,सूक्ष्म और स्थूल जगत की रक्षा का भार मनुष्य पर ही छोड़ है ,ताकि प्राकृतिक संतुलन बना रहें । इस जिम्मेदारी का ईमानदारी एवं निष्ठापूर्वक वहन ही प्राणी जगत के अस्तित्व की संकल्पना को साकार कर सकता है। अन्यथा हम विनाश और शून्यता की और अग्रसर होते चले जाएंगे।
☀️जानकार बनें ।। जागरूक बनें।।
       सावधान रहें।।  घरों  पर रहें।।
      सुरक्षित रहें।।    स्वस्थ रहें ।।
जीवन अनमोल है,इसे बचाने और सहेजने में अपनी और हमारी मदद करें|
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Editor - भुपेन्द्र कुमार चौबे

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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