ग्राम समाचार, भागलपुर। चार दिवसीय प्रक्षेत्र पर परिक्षण कार्यशाला में कुलपति ने किसानों की आवश्यकता अनुसार, क्षेत्र की मांग तथा आमदनी को ध्यान में रखकर शोध एवं एक कमेटी बनाकर किसानों के प्रक्षेत्र पर किये जा रहे शोध कार्यों का अवलोकन करने की सलाह दी। उन्होने किसानों के बीच उन्नत तकनीकों एवं शोघ कार्यों को ले जाकर खेती मे नई दिशा देकर उनकी आमदनी को बढ़ाने का कार्य करने की बात कही। इस अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशक डा. आर.के.सोहाने ने इसमें भाग ले रहे बिहार के दो कृषि विश्वविद्यालय, झारखंड के एक कृषि विश्वविद्यालय तथा स्वयंसेवि संस्था द्वारा पद्त कृषि विज्ञान केन्द्र से आये हुए कृषि वैज्ञानिकों को उनके द्वारा किये जा रहे शोध कार्यो एवं उन्नत तकनीकों का बुलेटिन बनाकर किसानों के बीच जिला कृषि कार्यालय के माध्यम से वितरित करने की सलाह दी। जिससे जिले एवं राज्य के किसान लाभांवित हो सके। वैज्ञानिकों को किसानों के बीच जा कर कार्य करने की सलाह दी। इसमें आये हुए विशेषज्ञ डा. एच.सी. भट्टाचार्य पूर्व निदेशक प्रसार शिक्षा, असम डा. विशाल नाथ निदेशक, एन. आर.सी. लीची मुज्जफरपुर, डा. जे. एस. मिश्रा प्रधान वैज्ञानिक आई. सी. आर पटना, डा. डी. के. सहानी मृदा वैज्ञानिक पूसा, डा. विकास दास प्रधान वैज्ञानिक आर.सी.आर प्लांडू, डा. अमरेन्द्र कुमार प्रधान वैज्ञानिक आई.सी.ए.आर. अटारी पटना ने इस कार्यशाला में आये हुए वैज्ञानिकों एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों को बिहार एवं झारखंड सरकार द्वारा प्रत्येक जिले के लिए अनुशंसित की गई फसल को ध्यान में रखते हुए शोध कार्य करने की सलाह दी। इस अवसर पर वैज्ञानिको ने पिछले वर्ष के शोध कार्यो एवं आगामी वर्ष में किये जाने वाले किसानों के प्रक्षेत्र पर शोध कार्यो को प्रस्तुत किया। जिसपर विशेषज्ञों ने अपना मत देकर आगे करने की सलाह दी। इस अवसर पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों को विश्वविद्यालय के शोध कार्यों को किसानों के क्षेत्र में बढ़ाने पर बल दिया। डा. आर.एन.सिंह सह प्रसार शिक्षा निदेशक ने किसानों की समस्या का निराकरण शोध के द्वारा समाधन करने पर बल दिया। इस अवसर पर विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों से कुल 120 कृषि वैज्ञानिको ने भाग लिया।
Bhagalpur News:किसानों की आवश्यकता के अनुसार शोघ पर देना होगा बल - कुलपति
ग्राम समाचार, भागलपुर। चार दिवसीय प्रक्षेत्र पर परिक्षण कार्यशाला में कुलपति ने किसानों की आवश्यकता अनुसार, क्षेत्र की मांग तथा आमदनी को ध्यान में रखकर शोध एवं एक कमेटी बनाकर किसानों के प्रक्षेत्र पर किये जा रहे शोध कार्यों का अवलोकन करने की सलाह दी। उन्होने किसानों के बीच उन्नत तकनीकों एवं शोघ कार्यों को ले जाकर खेती मे नई दिशा देकर उनकी आमदनी को बढ़ाने का कार्य करने की बात कही। इस अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशक डा. आर.के.सोहाने ने इसमें भाग ले रहे बिहार के दो कृषि विश्वविद्यालय, झारखंड के एक कृषि विश्वविद्यालय तथा स्वयंसेवि संस्था द्वारा पद्त कृषि विज्ञान केन्द्र से आये हुए कृषि वैज्ञानिकों को उनके द्वारा किये जा रहे शोध कार्यो एवं उन्नत तकनीकों का बुलेटिन बनाकर किसानों के बीच जिला कृषि कार्यालय के माध्यम से वितरित करने की सलाह दी। जिससे जिले एवं राज्य के किसान लाभांवित हो सके। वैज्ञानिकों को किसानों के बीच जा कर कार्य करने की सलाह दी। इसमें आये हुए विशेषज्ञ डा. एच.सी. भट्टाचार्य पूर्व निदेशक प्रसार शिक्षा, असम डा. विशाल नाथ निदेशक, एन. आर.सी. लीची मुज्जफरपुर, डा. जे. एस. मिश्रा प्रधान वैज्ञानिक आई. सी. आर पटना, डा. डी. के. सहानी मृदा वैज्ञानिक पूसा, डा. विकास दास प्रधान वैज्ञानिक आर.सी.आर प्लांडू, डा. अमरेन्द्र कुमार प्रधान वैज्ञानिक आई.सी.ए.आर. अटारी पटना ने इस कार्यशाला में आये हुए वैज्ञानिकों एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों को बिहार एवं झारखंड सरकार द्वारा प्रत्येक जिले के लिए अनुशंसित की गई फसल को ध्यान में रखते हुए शोध कार्य करने की सलाह दी। इस अवसर पर वैज्ञानिको ने पिछले वर्ष के शोध कार्यो एवं आगामी वर्ष में किये जाने वाले किसानों के प्रक्षेत्र पर शोध कार्यो को प्रस्तुत किया। जिसपर विशेषज्ञों ने अपना मत देकर आगे करने की सलाह दी। इस अवसर पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों को विश्वविद्यालय के शोध कार्यों को किसानों के क्षेत्र में बढ़ाने पर बल दिया। डा. आर.एन.सिंह सह प्रसार शिक्षा निदेशक ने किसानों की समस्या का निराकरण शोध के द्वारा समाधन करने पर बल दिया। इस अवसर पर विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों से कुल 120 कृषि वैज्ञानिको ने भाग लिया।
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