Bhagalpur News:राजघाट दिल्ली से निकली संविधान बचाओ-नागरिकता बचाओ-भारत बचाओ यात्रा पहुंची नवगछिया, खरीक प्रखंड के इमदादिया मदरसा मैदान में सभा को किया संबोधित


ग्राम समाचार, भागलपुर। दिल्ली, राजघाट से 23 फरवरी को निकली "संविधान बचाओ-नागरिकता बचाओ-भारत बचाओ यात्रा" 2 मार्च को माटिया असम डिटेंसन कैम्प तक जाएगी। यात्रा गुरुवार को भागलपुर सीमा में नारायणपुर, बिहपुर होकर खरीक प्रखंड के इमदादिया मदरसा मैदान में मौजूद लोगों को संबोधित किया। यात्रा दल के नेतृत्व कर रहे रेमण मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सोशलिस्ट नेता संदीप पाण्डेय ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र अब मुस्लिम महिला ही बचा सकती है। सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष तहसीन अहमद, पंजाब के मजदूर नेता सरदार मुख्तयार सिंह, जामिया मिलिया कोडिनेशन कमिटी के शाहिल अहमद, भूतपूर्व सेनानी बलवंत सिंह यादव ने कहा हम भारत के लोग सड़क पर उतर चुके हैं हम अपनी साझी संघर्ष साझी विरासत को खत्म नहीं होने देंगे। यात्रा के सभी 17 सदस्यों को खादी ग्राम मिरजाफरी की ओर से नजाकत अली व मौलाना अफरोज साहब ने अंग वस्त्र देकर सभी का स्वागत किया। मौके पर संविधान बचाओ देश बचाओ समिति के मौलान मुस्तफा जफर, मो मजहर, भूतपूर्व मुखिया मन्नान, हाजी अनवार, मो शमीम, बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के अनुपम आशीष, सोहराब बाबू, मो आदिल, पुनिम बैठा, सहित कई एक सामाजिक नेता थे। उक्त बातों की जानकारी देते हुए सामाजिक न्याय आंदोलन, बिहार के सोशलिस्ट नेता गौतम कुमार प्रीतम ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य है कि देश के अमन पसंद लोगों को जोड़ना, भाईचारे को मजबूत करना और डिटेंसन कैम्प की सच्चाई आम अवाम तक पहुँचाना। सभा में महिलाओं की बड़ी हिस्सेदारी थी। इसके बाद डॉ. अंबेडकर, भगतसिंह, अशफाक उल्ला खां, गाँधी के सपनों का भारत बने, इस विचारधारा के साथ यह यात्रा असाम के लिए आगे बढ़ गई। स्वागत संयोजन में मौलाना नासिर जमाल व मौलाना अफरोज साहब, मो आसिफ आलम, आजाद अंसारी, सहित दर्जनों लोग थे।


Share on Google Plus

Editor - Bijay shankar

ग्राम समाचार से आप सीधे जुड़ सकते हैं-
Whatsaap Number -8800256688
E-mail - gramsamachar@gmail.com

* ग्राम समाचार से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

* ग्राम समाचार के "खबर से असर तक" के राष्ट्र निर्माण अभियान में सहयोग करें। ग्राम समाचार एक गैर-लाभकारी संगठन है, हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक मदद करें।
- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

    Blogger Comment
    Facebook Comment

1 comments:

  1.                      प्रेस विज्ञप्ति 

                  बिहपुर भागलपुर बिहार

                  दिनांक 20/03/2020


    "समाजवाद", "पंथनिरपेक्षता", "लोकतंत्रात्मक गणराज्य" संविधान की मूल भावना है। इनमें से किसी एक को भी हटाना संविधान को नष्ट करना है। 

      इसी संकल्प के साथ हम भारत के लोग हैं।

    किन्तु राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा जो पूँजीवादियों और ब्राह्मणवादियों का वह प्लेटफॉर्म है जहाँ से भारत के संसाधनों की लूट और भारतीय संविधान को समाप्त कर मनुविधान थोपना चाहता है, को लेकर लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में सत्ताधारी भाजपा राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा ने 'संविधान के प्रस्तावना से "समाजवाद" शब्द हटाने के लिए 20 मार्च 2020 शुक्रवार को राज्य सभा में प्रस्ताव दिया है। भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने अपने तर्क में कहा है कि वर्तमान समय में "समाजवाद" एक निरर्थक शब्द हो चुका है।


     वर्तमान परिदृश्य में आर्थिक उन्नति के लिए इस शब्द को प्रस्तावना से हटा देना चाहिए। 


        राकेश सिन्हा को शुक्रवार 20 मार्च के दिन प्राइवेट मेंबर बिल के लिए नियत समय में इस प्रस्ताव को रखने का समय दिया गया है। इस संदर्भ में भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने बुधवार रोज 18 मार्च को सदन में नोटिस दिया था। जिसे राज्य सभा के अध्यक्ष वैंकया नायडू और कार्यालय दोनों ने स्वीकार कर लिया है। सिन्हा ने ख़ासकर यह भी कहा कि "समाजवाद" को प्रस्तावना से हटा कर बिना किसी खास विचारधारा के 'आर्थिक' सोच को जगह दी जानी चाहिए।


     साथियों अगर सदन में यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो परंपरा के अनुसार प्रस्ताव को संबंधित मंत्रालय को भेज दिया जाएगा। इसके बाद मंत्रालय चाहे तो क़ानून ला सकता है।


        सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) यह मानती है कि आरएसएस और भाजपा तथा इनके सहयोगी दल पूँजीपतियों और ब्राह्मणवादियों के गोद में बैठकर भारत को बर्बाद करने के लिए विभिन्न प्रकार के हथकंडो को अपना ली है जिसमें देश के संसाधनों की खुली छूट और लूट जारी है।


       दूसरी ओर मानवता को भी तार-तार करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। एनपीआर, एनआरसी, सीएए जैसे नागरिक विरोधी षडयंत्र के माधयम से आम जनता में धार्मिक दिवार खड़ी कर दी है। दलितों-आदिवासियों-पिछड़ों-महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर सत्ता के माधयम से बर्बर दमन का खेल जारी है।

    इसलिए हम ऐसे किसी भी प्रस्ताव या कानून का विरोध करते हैं जो संविधान के मूल भावना के खिलाफ है।


         देश के तमाम हिस्सों में काम कर रहे प्रगतिशील लेखक, संघ, छात्र-नौजवानों के संगठन, महिला संगठनों सहित वो सभी दल-संगठन जो संविधान के मूल भावना के साथ है, इसका विरोध करें।

         धन्यवाद!


    गौतम कुमार प्रीतम

    महासचिव

    सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया)

    सामाजिक न्याय आंदोलन कोर कमिटी सदस्य

    संरक्षक - बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन 

    जवाब देंहटाएं